Money Laundering Case: दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कथित सह आरोपी अंकुश जैन की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में अहम सुनवाई हुई. अदालत ने ईडी (ED) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

अंकुश जैन ने जमानत की शर्तों में बदलाव की मांग की है. कोर्ट में सुनवाई के दौरान उनके वकील ने कहा कि इसी तरह की मांग पर वैभव जैन को हाई कोर्ट से राहत मिल चुकी है. इसी आधार पर अंकुश जैन की शर्तों में भी बदलाव किया जाए. उनका कहना है कि उन्हें बिजनेस के सिलसिले में दिल्ली-एनसीआर से बाहर जाने की अनुमति मिलनी चाहिए.

कोर्ट ने पहले क्या आदेश दिया था?दिल्ली हाई कोर्ट ने अंकुश जैन को जमानत देते हुए कई शर्तें लगाई थीं. आदेश में कहा गया था कि वह बिना अनुमति दिल्ली-एनसीआर से बाहर नहीं जा सकते. साथ ही, उन्हें गवाहों से संपर्क करने और सबूतों से छेड़छाड़ करने से मना किया गया था. हालांकि, इससे पहले हाई कोर्ट ने वैभव जैन को राहत दी थी. उनकी जमानत की शर्तों में बदलाव किया गया था.

दिल्ली हाई कोर्ट ने वैभव जैन को अपना पासपोर्ट सरेंडर करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि वह बिना अनुमति देश नहीं छोड़ सकते. साथ ही, वह सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे और गवाहों से नहीं मिलेंगे.

ED ने कई लोगों को बनाया आरोपीED ने 27 जुलाई 2022 को सत्येंद्र जैन समेत छह लोगों और चार कंपनियों को आरोपी बनाया था. चार्जशीट में सत्येंद्र जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन, वैभव जैन, अंकुश जैन, सुनील कुमार जैन और अजित कुमार जैन का नाम शामिल है.

आरोपी कंपनियों में मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडियल इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं.

सत्येंद्र जैन पर CBI ने भी आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया है. उन पर 2015 से 2017 के बीच आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है.

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