Delhi Election Result 2025: अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के बाद दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन (SATYENDAR JAIN) भी चुनाव हार गए. शकूर बस्ती सीट से सत्येंद्र जैन को बीजेपी के करनैल सिंह (KARNAIL SINGH) ने रहा दिया. गौर करने वाली बात है कि केजरीवाल, सिसोदिया और जैन तीनों ही जेल जा चुके हैं. दिल्ली की जनता ने जेल जाने वाले नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया है.
कौन जीता कौन हारा?
बीजेपी के मनजिंदर सिंह सिरसा और रेखा गुप्ता ने राजौरी गार्डेन तथा शालीमार विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की. दिल्ली कैंट विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के वीरेंद्र सिंह कादियान ने जीत दर्ज की. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी और बीजेपी उम्मीदवार तंवर को 2029 मतों से पराजित किया. सिरसा ने राजौरी गार्डेन से आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी धनवती चंदेला को 18190 मतों के अंतर से पराजित किया. शालीमार से बीजेपी नेता रेखा गुप्ता ने आप उम्मीदवार वंदना कुमारी को 29595 मतों से पराजित किया.
दिल्ली में बीजेपी की सरकार
रुझानों से अब लगभग स्पष्ट हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी करने जा रही है. दिल्ली में पांच फरवरी को हुए चुनाव में 1.55 करोड़ पात्र मतदाताओं में से 60.54 प्रतिशत ने मतदान किया था. बीजेपी ने 1993 में दिल्ली में सरकार बनाई थी. उस चुनाव में उसे 49 सीट पर जीत मिली थी.
पिछले चुनाव में आप ने जीती थी 62 सीटें
अन्ना आंदोलन से नेता के रूप में उभरे अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने 2015 में 67 सीट जीतकर सरकार बनाई और 2020 में 62 सीट जीतकर सत्ता में धमाकेदार वापसी की थी.इसके पहले 2013 के अपने पहले चुनाव में आप ने 31 सीट जीती थीं लेकिन वह सत्ता से दूर रह गई थी. बाद में कांग्रेस के समर्थन से केजरीवाल पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने थे.
पिछली बार बीजेपी ने जीती थी 8 सीटें
इस बार सत्ता की अग्रसर बीजेपी 2015 के चुनाव में सिर्फ तीन सीट पर सिमट गई थी जबकि 2020 के चुनाव में उसके सीट की संख्या बढ़कर आठ हो गई थी.वैकल्पिक और ईमानदार राजनीति के साथ भ्रष्टाचार पर प्रहार के दावे के साथ राजनीति में कदम रखने वाले केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी को इस चुनाव से पहले कई आरोपों का भी सामना करना पड़ा और उसके कई नेताओं को जेल भी जाना पड़ा.
बीजेपी ने शराब और शीशमहल का मुद्दा उठाया
बीजेपी ने शराब घोटाले से लेकर ‘शीशमहल’ बनाने जैसे आरोप लगाकर केजरीवाल और आप के कथित भ्रष्टाचार को इस चुनाव में मुख्य मुद्दा बनाया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इन विषयों पर लगातार हमले किए.हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद दिल्ली में बीजेपी को मिली जीत कई मायनो में अहम है.
आप संयोजक दिल्ली को विकास का ‘केजरीवाल मॉडल’ बताकर चुनाव मैदान में थे जबकि बीजेपी ने इसके विरुद्ध विकास का ‘मोदी मॉडल’ पेश किया था. इसके तहत बीजेपी ने जहां अपने संकल्प पत्र में मुफ्त बिजली, पानी सहित आप सरकार की अन्य कल्याणकारी योजनाओं को जारी रखने के साथ ही महिलाओं को 2500 रुपये का मासिक भत्ता और 10 लाख रुपये तक का ‘मुफ्त’ इलाज सहित कई अन्य वादे किए थे.
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