Delhi News: आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा (Raghav Chadha) ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा- "लोकसभा (Lok Sabha) अध्यक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार किए जाने के बाद संसद में कोई विधेयक पेश नहीं किया जाता है, लेकिन हम देख रहे हैं कि कई विधेयक संसद में पेश और पारित किए जाते हैं. मैं अध्यक्ष से अपील करता हूं कि कोई विधायी कार्य लोकसभा न करें."


इसके अलावा, उन्होंने कहा कि  मणिपुर हिंसा को लेकर कहा जा रहा है कि विपक्षी गठबंधन इंडिया (I.N.D.I.A) ब्लॉक का एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर के लोगों को समर्थन प्रदान करने और उनके साथ एकजुटता से खड़े होने की आशा के साथ वहां का दौरा करेगा. विपक्षी गठबंधन इंडिया की टीम वहां का जायजा लेकर वापस दिल्ली आए और संसद में सरकार को डिटेल में जानकारी दे. इंडिया के प्रतिनिधिमंडल को सरकार को यह भी बताना होगा कि वहां पर वास्तव में क्या हो रहा है? वहां की जमीनी हकीकत क्या है? उन्होंने कहा कि जहां तक मुझे जानकारी है, मणिपुर में बीजेपी एमएलए भी बता रहे हैं कि वहां जो हो रहा है वो अच्छा नहीं है. केंद्र ने मणिपुर हिंसा मामले की जांच सीबीआई से कराने का फैसला बहुत विलंब से लिया है. 85 दिनों बाद केंद्र सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी है. 



केंद्र से AAP सांसद के सवाल


राघव चड्ढा ने आगे कहा कि मेरा केंद्र और बीजेपी से दो सवाल है. पहला सवाल अगर मणिपुर दो लोकसभा सीटों वाला राज्य नहीं होता, लेकिन उत्तर प्रदेश जैसा 80 सीटों वाला राज्य होता या मणिपुर बिहार की तरह 40 लोकसभा सीटों वाला राज्य होता तो क्या केंद्र सरकार के मंत्री या पीएम मोदी अभी तक वहां नहीं गए होते. मेरा मानना है कि वो वहां जरूर गए होते. दूसरा सवाल अगर मणिपुर में गैर बीजेपी शासित सरकार होती तो वहां पर अभी तक क्या राष्ट्रपति शासन लागू नहीं हो गया होता?


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