Railway Minister Ashwini Vaishnav: जब से नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) देश की पीएम बने हैं तभी से भारतीय रेल (Indian Railway) के कायाकल्प को लेकर तरह-तरह की बातें हो रही हैं. इस दौरान रेलवे के निजीकरण को लेकर केंद्र सरकार की काफी आलोचना भी हुई. ताजा खबर यह है कि साल 2026 तक पीएम की महत्वाकांक्षी योजना यानी बुलेट ट्रेन (Bullet Train) पटरी पर दौड़ने लगेंगी, लेकिन बहुत कम लोगों को ये पता होगा कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwani Vaishnav) के उस समय होश उड़ गए जब उनके एक से बढ़कर एक कई योजनाओं को पीएम नरेंद्र मोदी ने रिजेक्ट कर दिया था. उस दिन रेल मंत्री अपने मंत्रालय बहुत निराश होकर लौटे थे. इस घटना के बाद वो इस सोच में डूबे थे कि अब क्या होगा, पीएम ने तो सभी के सभी प्रस्ताव को खारिज कर दिए.


रेल मंत्री परेशान थे कि क्यों कोई डिजाइन अप्रूव नहीं हुआ. इसके बाद उसी दिन रात 11 बजे पीएम नरेंद्र मोदी का फोन आया. उन्होंने कहा कि आज के लिए ये डिजाइन ठीक हैं, लेकिन अश्विनी 50 साल आगे का सोचो. शहर कैसे डेवलप करेगा. हर चीज का कल की सोचकर डिजाइन बनाओ. इसके बाद, हमने टाउन प्लानर्स को भी बुलाया और दो महीने में नई डिजाइन बनवाईं. उसके बाद गांधीनगर, भोपाल और बेंगलुरु में वर्ल्ड क्लास स्टेशन बने हैं. वंदे भारत ट्रेन (Vande Bharat Train) दुनिया की बेस्ट ट्रेनों से भी कई पैरामीटर्स में बेहतर हैं. 2026 से बुलेट ट्रेनें भी सरपट ट्रैक पर दौड़ने लगेंगी. रेल मंत्री ने इन बातों का जिक्र सोमवार को एक टीवी इंटरव्यू क दौरान किया.  


रेल मंत्री ने बताया- वंदे भारत मेट्रो से बेहतर क्यों?


भारतीय रेल के निजीकरण और पुनर्विकास के मसले को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि गांधीनगर, भोपाल और बेंगलुरु में वर्ल्ड क्लास स्टेशन बने हैं. इससे प्रेरित होकर हम स्टेशनों के रिडेवलपमेंट को बड़े स्तर पर लेकर गए हैं. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आप मेट्रो से तो परिचित हैं, लेकिन अब देश में वंदे मेट्रो ट्रेनें (Vande Metro Trains) चलेंगी. रेल मंत्री ने बताया कि मेट्रो किसी शहर के अंदर चलती हैं, लेकिन वंदे मेट्रो दो शहरों को जोड़ने का काम करेगी. यह ऐसे दो शहरों को जोड़ेगी जिनके बीच की दूरी 100 किलोमीटर से कम है. वहां हर 45 मिनट में वंदे मेट्रो ट्रेन होगी. इस ट्रेन के लिए तैयारियां चल रही हैं. वैष्णव ने कहा कि 12 से 16 महीनों में इसका प्रोटोटाइप बनकर तैयार हो जाएगा. गहन जांच पड़ताल के बाद बड़े स्तर पर इसका उत्पादन किया जाएगा.


अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे का विकास तीन पहलुओं को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है. पहला स्टेशन को शहर को जोड़ने वाला बनाया जाएगा. इसके लिए मास्टरप्लानिंग यानी शहर में कैसे ग्रोथ हो रही है, यह देखा जाएगा. स्टेशन तो अच्छा बन जाए लेकिन उस तक पहुंचने वाली सकड़ खराब हो, तो ऐसा नहीं चलेगा. दूसरा- स्टेशन शहर के दोनों हिस्सों को जोड़ने वाला होगा. तीसरा है शहरीकरण यानी स्टेशन पर रूफ प्लाजा भी बनाए जाएंगे. इसमें सभी के लिए सुविधाएं होंगी.


रेलवे जनहित में दे रहा है 59000 करोड़ की सब्सिडी  


सीनियर सिटीजंस को रेल टिकट पर मिलने वाली छूट फिर से शुरू होगी या नहीं, इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि रेलवे समय-समय पर समाज हित के काम करता है. रेलवे में हर एक रेल यात्री को 55 फीसदी की छूट मिलती है. रेलवे 59 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी दे रहा है. इसके अलावा, उन्होंने वैष्णव ने कहा कि 91 फीसदी ट्रेनें सही समय पर होती हैं. हाइवे और ट्रेन में फर्क होता है. हाइवे पर जाम होता है तो गाड़ी साइड से या रोड़ से नीचे उतरकर भी आगे बढ़ जाती है, लेकिन रेल की पटरी में यह संभव नहीं हैं. रेलवे तेजी से इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहा है. पहले हर दिन 4 किलोमीटर नई पटरी बिछाई जाती थी. अब हर दिन 12 किलोमीटर पटरी बिछाई जाती है. 2014 से पहले के 60 वर्षों में 32 हजार किलोमीटर रेल नेटवर्क का विद्युतीकरण हुआ. पिछले 8 साल में 34 हजार किलोमीटर रेल लाइन का विद्युतीकरण हो गया है. रेलवे ने ट्रेनों के लिए नए टॉयलेट का डिजाइन अप्रूव किया है. 40 हजार कोचों में यह अच्छा टॉयलेट लगाया जाएगा.


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