प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (13 सितंबर) मणिपुर के दौरे पर पहुंचे हैं. यह उनका 2023 की जातीय हिंसा के बाद पहला दौरा है. इस यात्रा को राज्य में शांति और विकास को मजबूत करने के लिए अहम माना जा रहा है.
पीएम मोदी चुराचांदपुर और इंफाल में कई परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और स्थानीय लोगों से संवाद भी करेंगे. वहीं इस दौरे को लेकर विपक्ष लगातार बयानबाजी कर रही है.
बहुत देर हो चुकी है- कांग्रेस का
कांग्रेस नेता उदित राज ने पीटीआई को दिए बयान में पीएम मोदी के दौरे पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि पहले ही कुकी और मैतेई दोनों समूह पीएम के खिलाफ विरोध जता रहे हैं और अब यह यात्रा ‘हीलिंग टच’ नहीं मानी जाएगी. उदित राज का कहना है कि “एक समय था जब पीएम जाकर बहुत कुछ कर सकते थे, लेकिन अब बहुत खून बह चुका है और सिर्फ 3 घंटे की यात्रा से कुछ नहीं होगा. वह भले ही कुछ परियोजनाओं की घोषणा करें लेकिन पैसों से लोगों की सोच नहीं बदली जा सकती.”
2023 में भड़की थी जातीय हिंसा
बता दें कि 2023 में मणिपुर में जातीय हिंसा भड़की थी, जिसमें कम से कम 260 लोगों की मौत हुई और हजारों लोग विस्थापित हुए थे. इसके बाद से ही राज्य में तनाव और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है. पीएम मोदी का यह दौरा लंबे समय से प्रतीक्षित था और इसे जनता और राजनीतिक दल दोनों करीब से देख रहे हैं. चुराचांदपुर और इंफाल ऐसे इलाके हैं, जहां हिंसा का असर सबसे ज्यादा रहा और अब यहां नए विकास कार्यों के जरिए माहौल को सामान्य करने की कोशिश की जा रही है.
दौरे का महत्व और आगे की राह
विशेषज्ञों का मानना है कि पीएम मोदी का यह दौरा मणिपुर में शांति और पुनर्निर्माण के लिए एक बड़ा संदेश है. यह सिर्फ परियोजनाओं का उद्घाटन नहीं बल्कि राज्य के लोगों को भरोसा दिलाने की कोशिश भी है. हालांकि विपक्ष इसे ‘बहुत देर से उठाया गया कदम’ बता रहा है. अब देखना होगा कि इस यात्रा से क्या सकारात्मक असर होता है और क्या यह मणिपुर में स्थायी शांति और विकास के नए रास्ते खोल पाएगी.