Parvesh Verma on Delhi Water Crisis: पंजाब की भगवंत मान सरकार और हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार के बीच पानी को लेकर अनबन चल रही है. पंजाब की आप सरकार ने हरियाणा को दिए जाने वाले भाखरा कनाल के पानी को रोक दिया है. पहले जहां हरियाणा को 8.50 से 9 हजार क्यूसेक पानी भेजा जाता था, इस बार केवल 4 हजार क्यूसेक ही भेजा गया है. सीएम भगवंत मान का दावा है कि हरियाणा अपने हिस्से के पानी से ज्यादा का इस्तेमाल कर चुका है. ऐसे में हरियाणा और पंजाब सरकारों के बीच तनाव बढ़ रहा है. 

वहीं, पंजाब से आने वाला यह पानी हरियाणा से होकर दिल्ली आता है. ऐसे में अगर पंजाब सरकार पानी रोके रखती है तो दिल्ली में भी जल संकट आ सकता है. इसको लेकर अब दिल्ली सरकार में मंत्री प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार पर निशाना साधा है. 

प्रवेश वर्मा ने AAP पर लगाया गंदी राजनीति का आरोपप्रवेश वर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट लिखा है, "पंजाब सरकार हरियाणा और दिल्ली का पानी रोककर गंदी राजनीति पर उतर आई है. दिल्ली में हारने के बाद अब दिल्ली में जल संकट पैदा करना चाहते हैं. हम दिल्ली में साफ और हर घर में पानी देने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं और अब पंजाब सरकार दिल्ली की जनता से ऐसे बदला लेना चाहती है. बंद करो ये गंदी राजनीति वरना पंजाब से भी जाओगे.

सिंधु का पानी दिल्ली को दे दो- सौरभ भारद्वाजदिल्ली सरकार में मंत्री प्रवेश वर्मा के बयान पर AAP दिल्ली के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज की भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "जब केंद्र सरकार ने सिंधु जल संधि को रोक कर पूरे पाकिस्तान का पानी रोक दिया है तो भारत के पास पानी ही पानी है. इसमें से एक फीसदी पानी भी अगर भारत सरकार दिल्ली को दे देती है तो दिल्ली की पानी की समस्या दूर हो जाएगी." 

इतना ही नहीं, सौरभ भारद्वाज ने कहा, "जब हम कहते थे कि हरियाणा से पानी नहीं आ रहा है तो बीजेपी और उपराज्यपाल कहते थे कि पानी बहुत है लेकिन प्रशासन को पानी का बंटवारा करना नहीं आता. AAP को सरकार चलानी नहीं आती. अब आप सरकार चलाइए."

सीएम नायब सिंह सैनी से की थी भगवंत मान से बातहरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी थी कि उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री से भाखरा कनाल के पानी को लेकर बात की. उन्होंने कहा था कि हर साल अप्रैल से जून में हरियाणा को 9 हजार क्यूसेक पानी दिया जाता है. साल 2022 से अब तक ऐसा होता आया है. इसमें दिल्ली का हिस्सा 500 क्यूसेक है, राजस्थान का 800 और पंजाब का 400 क्यूसेक है. ऐसे में हरियाणा के पास 6800 क्यूसेक पानी बचता है."

अगर यह पानी राज्यों को नहीं दिया गया तो पाकिस्तान चला जाएगा. इसे पंजाब और हरियाणा दोनों को नुकसान होगा, फायदा किसी का नहीं.