पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र और ओखला विधानसभा इलाके के ओखला फेज 1 स्थित आली गांव में सोमवार सुबह वहां रहने वाले लोगों पर आफत बनकर आई. हमेशा की तरह वीकऑफ खत्म होने के बाद रोजाना की तरह अपने-अपने घरों से तैयार होकर स्कूल कॉलेज गए बच्चे, बड़े बुजुर्ग भी अपने-अपने ड्यूटी (कामकाज) पर पहुंचे ही थे कि घरवालों की तरफ से कॉल आने लगे कि बड़ी संख्या में अधिकारी और पुलिस टीम आई है और बिना समय दिए घर खाली करने को कह रहे हैं.

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घरों में मौजूद महिला जबतक कुछ समझ पाती अधिकारियों के साथ में आए सैकड़ों की संख्या में मौजूद मजदूरों जैसे तैसे थोड़ा बहुत लोगों का घर से सामना बाहर निकाले और बाकी एक-एक कर सभी घर की सीलिंग होती चली गयी. जबतक बड़े बुजुर्ग और घर के मुखिया अपने घर पहुंचे तबतक उनलोगों का घर सील हो चुका था.

अधिकारियों की कार्रवाई और घरों की सीलिंग

ये पूरी कार्रवाई उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दिल्ली पुलिस के सहयोग से किया गया है. पीड़ित लोगों का आरोप है कि वे इस जमीन पर 70 साल से ज्यादा समय से रहते आ रहे हैं. उनके दादा ने, पिता ने एक-एक पैसे जोड़कर कोई 1 मंजिल, 2 मंजिल तो कहीं 4-4 मंजिल तक घर बनाए थे, पर अचानक अधिकारी आंधी की तरह आए और तूफान मचा चले गए.

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पीड़ित परिवारों की मुश्किलें

वहां की जनता जिनका घर है वो वही अपने समानों और परिजनों के साथ इस कड़ाके की ठंड और लगातार बढ़ रहे पॉल्यूशन के बीच रहने को मजबूर हैं. कोई मां अपने नवजात 1 सप्ताह के बच्चे के साथ तो कोई 2 साल के छोटे दिव्यानंद बच्चे के साथ कोई कोई परिवार अपने बड़े बुजुर्ग दिव्यांग माता पिता के साथ खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो रहे हैं.

लोगों का कहना है कि जान चली जाएगी पर अपने घरों को छोड़कर नहीं जाएंगे. सोमवार तक घर में बैठ थाली में खाना खाने वाले बच्चे आज खेतों में रखे समानों पर किसी के द्वारा पॉलीथिन में दिए गए खिचड़ी को कहने लिए मजबूर हैं.

सरकार द्वारा करवाई की जा चुकी है सभी लोग कोर्ट के दरवाजे को खटखटा रहे हैं अब देखना होगा कि क्या इन्हें वापस इसी घर में रहने की इजाजत मिलती है या हमेशा के लिए कड़ी मेहनत की एक एक पाई को जोड़कर बनाई गई इस घर को छोड़ जाना होगा.