Jewar Airport Construction Update: गौतम बुद्ध नगर (Gautam Buddh Nagar) जिले के जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) का 55 फीसदी से ज्यादा काम पूरा हो चुका है. वहीं बचे हुए काम को भी तेजी से पूरा करने की कोशिश है. इस एयरपोर्ट को अगले साल अक्टूबर महीने से कार्यरत करने की योजना है. इसके लिए फरवरी के अंतिम सप्ताह से रन-वे का ट्रायल शुरू किया जाएगा, जिसके लिए रन-वे और एटीसी को पहले तैयार किया जा रहा है. इसके बाद अक्टूबर महीने से जेवर स्थित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से डॉमेस्टिक सहित इंटरनेशनल और कार्गो फ्लाइट भी उड़ान भरेगी.


टर्मिनल बिल्डिंग में अगले तीन महीने में इंटीरियर का काम शुरू हो जाएगा, जबकि अगले कुछ महीनों में यहां पर 20 से अधिक इमारतें बनकर तैयार हो जाएंगी. बताया जा रहा है कि पहले दिन नोएडा एयरपोर्ट से कुल 65 विमान उड़ान भरेंगे, जिनमें 62 अंतर्देशीय विमान होंगे, जबकि 2 अंतर्राष्ट्रीय और एक माल वाहक विमान होंगे. नियाल के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि अक्टूबर 2024 से एयरपोर्ट से किस तारीख से विमान उड़ान भरेगी, यह अभी तय नहीं किया गया है, लेकिन जल्दी ही इसकी भी घोषणा की जाएगी.


इंटरनेशनल आइडेंटिटी के लिए दिया गया डीएक्सएन कोड


इस बीच नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को इंटरनेशनल आइडेंटिटी के लिए डीएक्सएन कोड दिया गया है, जिसे काफी अहम माना जा रहा है. इसके मिलने के बाद एयरपोर्ट के काम मे और भी तेजी आ गई है. दुनिया भर में इस एयरपोर्ट को डीएक्सएन कोड से जाना जाएगा. फ्लाइट शेड्यूल, टिकटिंग, बैगेज हैंडलिंग से लेकर कम्युनिकेशन, ऑपरेशन और लॉजिस्टिक को सुव्यवस्थित और विनियमित करने तक यह आईएटीए कोड एयरपोर्ट की पहचान को बरकरार रखने में मदद करता है.


गौतम बुद्ध नगर-गजियाबाद के कारोबारियों को होगा फायदा


इस एयरपोर्ट को भविष्य में कार्गो हब बनाने की योजना है, जिससे उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर और गजियाबाद के कारोबारियों का काफी फायदा होगा. शुरुआत में यहां से एक कार्गो फ्लाइट उड़ान भरेगी. बता दें कि दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट से रोजाना कार्गो फ्लाइट समेत हजार से ज्यादा जहाज उड़ान भरते हैं. इनमें कार्गो फ्लाइट से विदेशों में भेजे जाने वाले सामानों में गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद जिले की बड़ी हिस्सेदारी होती है.


80 एकड़ में विकसित होगा मल्टी मॉडल कार्गो हब


एयरपोर्ट की शुरुआत में पहले दिन एक कार्गो फ्लाइट उड़ान भरेगी. बाद में धीरे-धीरे फ्लाइट को संख्या बढ़ाई जाएगी. कार्गो की संभावनाओं को देखते हुए एयरपोर्ट परिसर में 80 एकड़ में मल्टी मॉडल कार्गो हब विकसित किया जाएगा. यहां दो लाख टन माल हर साल जा सकेगा. यह क्षमता दो करोड़ टन सालाना तक जा सकेगी. इसमें कूलपोर्ट बनेगा, जिससे दवाओं आदि के लिए उचित तापमान मिल सकेगा. कोरियर टर्मिनल और ट्रैकिंग सिस्टम भी बनेगा. इसके निर्माण में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा.


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