Delhi Stampede News: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बीती रात (15 फरवरी) मची भगदड़ में 18 लोगों की जान चली गई. मृतकों में दिल्ली के संगम विहार की रहने वाली 41 वर्षीय पिंकी शर्मा भी शामिल हैं. पिंकी परिवार के 12 सदस्यों को साथ लेकर प्रयागराज महाकुंभ में स्नान करने जा रही थीं. धार्मिक यात्रा पूरी होने से पहले पिंकी की भीड़ के सैलाब में दबकर मौत हो गई.

एबीपी न्यूज से बात करते हुए पिंकी के भाई संजय शर्मा ने बहन की मौत पर दुख जताया. उन्होंने बताया कि पिंकी समेत परिवार के कुल 12 लोग शनिवार रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचे थे. प्लेटफॉर्म नंबर 14 के फुटओवर ब्रिज पर अचानक पीछे से आई भीड़ ने धक्का दे दिया. भगदड़ में पिंकी समेत कई लोग गिर पड़े. भीड़ का सैलाब गिरे लोगों पर ऊपर चढ़ता चला गया. संजय ने बताया कि भीड़ से बहन, पत्नी और बेटी को कड़ी मशक्कत के बाद निकाला. पिंकी तब तक बेहोश हो चुकी थी. उन्होंने बताया कि मदद की गुहार लगाने के बावजूद किसी ने ध्यान नहीं दिया. लोग मदद करने के बजाय मोबाइल कैमरों से वीडियो बनाते रहे.

मृतक महिला के परिवार ने आंखों देखा बताया हाल

ऐसे में उन्होंने खुद पिंकी को सीपीआर देने का फैसला किया. करीब एक घंटे तक पूरा परिवार पिंकी को होश में लाने की कोशिश करता रहा. रिश्तेदारों ने बताया, "पिंकी को होश नहीं आया. भीड़ कम होने पर कपड़े का स्ट्रेचर बनाया गया. स्ट्रेचर के जरिए पिंकी को उठाकर एम्बुलेंस तक पहुंचाया गया. अस्पताल पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने पिंकी को मृत घोषित कर दिया." पप्पू के मुताबिक रेलवे स्टेशन पर मौजूद किसी भी सरकारी कर्मचारी ने मदद नहीं की.

'भगदड़ के दौरान रेलवे प्रशासन की थी लापरवाही'

उन्होंने कहा कि भगदड़ के दौरान रेलवे प्रशासन की लापरवाही सामने आयी. व्यवस्था नहीं होने से स्थिति और बिगड़ गई. समय पर चिकित्सा सहायता उपलब्ध होने से पिंकी की जान बचाई जा सकती थी. हादसे के बाद पिंकी का परिवार गमगीन है. महाकुंभ स्नान करने का सपना देखने वाली पिंकी की जिंदगी सरकारी लापरवाही और संवेदनहीनता की भेंट चढ़ गई. पूरा परिवार असमय मृत्यु से सदमे में है और न्याय की गुहार लगा रहा है.

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