MCD Mayor Election Row: दिल्ली नगर निगम के मेयर पद को लेकर बीजेपी और आप के बीच जंग जारी है. छह जनवरी को मेयर ( Mayor ) चुना जाना था, लेकिन एलजी द्वारा एमसीडी के मनोनीत 10 सदस्यों को पहले शपथ दिलाने के मुद्दे पर हंगामे और हाथापाई के दो दिन बाद भी मेयर पद का चुनाव (MCD Mayor Election) कब होगा, यह तय नहीं हो पाया है. मेयर पद चुनाव का डेट तय करने को लेकर गेंद एलजी के पाले मे हैं.


वहीं एमसीडी मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों के चुनाव को लेकर जारी सियासी घमासान के बीच आप (AAP)और बीजेपी (BJP) के नेता और कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए हैं. इतना ही नहीं, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक लेटर जारी कर एलजी को ताजा सियासी संकट के लिए जिम्मेदार ठहराया है. हालांकि, एलजी उनके इस दावे को खारिज कर दिया है. 


फिलहाल, बीजेपी और आप के बीच जारी सियासी जंग में एमसीडी बुरी तरह फंस गई है. यही तय नहीं हो पर रहा है कि मेयर का चुनाव कब होगा?


एलजी के पाले में गेंद 
फिलहाल, मेयर पद का चुनाव कब होगा, यह दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना तय करेंगे, लेकिन उन्होंने अभी तक कोई तारीख तय नहीं की है. एलजी के फैसले के बाद ही मेयर का चुनाव होगा और एमसीडी को नया मेयर मिल पाएगा. ताजा अपडेट के मुताबिक मेयर चुने जाने तक एमसीडी की पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा बनी रहेंगी. अश्विनी कुमार भी तब तक विशेष अधिकारी के पद पर काम करते रहेंगे.
 
इस वजह से बीजेपी-आप में जारी है जंग 
बता दें कि 7 दिसंबर को एमसीडी चुनाव के नतीजे घोषित हुए एक महीना से ज्यादा समय बीत चुका है. एमसीडी चुनाव में इस बार आम आदमी पार्टी ने 134 सीटें और बीजेपी ने 104 सीटें जीती थीं. कांग्रेस को 9 और 3 सीटों पर निर्दलियों को जीत मिली है. हालांकि, चुनाव के बाद मुंडका से निर्दलीय पार्षद गजेंद्र दराल बीजेपी में शामिल हो गए हैं. महापौर के चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में 250 निर्वाचित पार्षद, 7 लोकसभा और दिल्ली के तीन राज्यसभा सांसद और 14 विधायक शामिल हैं. दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने सदन में आप के 13 और बीजेपी के एक सदस्य को मनोनीत किया है. इस लिहाज से आप का मेयर चुना जाना तय है. 


सवाल यह है कि जब मेयर पद पर आप के प्रत्याशी की जीत तय है तो फिर सियासी जंग जारी क्यों है? इसका जवाब यह है कि एमसीडी में स्थायी समिति सबसे ज्यादा पावरफुल संस्था है. बीजेपी इसमें बहुमत हासिल करने की कोशिश में जुटी है. एलजी ने 10 लोगों को एमसीडी में मनोनीत किया है. ऐसे में आप का आरोप है कि एलजी ने यह काम स्टैंडिंग कमेटी में बीजेपी को बढ़त दिलाने के मकसद से किया है. एमसीडी की स्थायी समिति में 18 सदस्य होते हैं, जिनमें से 12 जोन से और छह सदस्य सदन से चुने जाते हैं.


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