Delhi News: दिल्ली बीजेपी सांसद मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) ने गुरुवार को सीएम आवास विवाद (Delhi CM residence Controversy) मामले में सीबीआई (CBI) द्वारा पीई एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू करने पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि आज दिल्ली स्तब्ध है. दिल्ली ही नहीं, मुझे लगता है कि सरकारों और राजनीति में रुचि रखने वाला, देश का हर तबका स्तब्ध है. दिल्ली हुए इस अपराध और भ्रष्टाचार के कांड को लेकर सभी चकित हैं. भारतीय राजनीति के इतिहास में ऐसी कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है जो अपने अस्तित्व में आने के सबसे कम समय में भ्रष्टाचार का इतना बड़ा कीर्तिमान स्थापित किया हो. उन्होंने कहा कि उस पार्टी का नाम है आम आदमी पार्टी. 


मनोज तिवारी ने कहा कि मुझे यह कहते हुए जरा भी संकोच नहीं है कि जिसने आम आदमी के नाम से पार्टी बनाया वो उसी आम आदमी के खजाने से लूट खसोट कर यहां तक पहुंच गया. बीजेपी नेता कहा कि आम आदमी को लूटने के लिए आम आदमी का ही इस्तेमाल किया गया. इससे आगे उन्होंने कहा कि मैं पहले से कह रहा हूं, जितने भी घोटाले दिल्ली सरकार में पिछले दस सालों के दौरान हुए हैं, वो आप नेता के इशारे पर ही हुए हैं. चाहे वो कोई भी घोटाला क्यों न हो. इसमें संलिप्त लोग जेल में जाने वाले हों या जेल में चले गए हैं या जांच के घेरे में ही क्यों न हों. मुझे लगता है कि सीएम आवास निर्माण को लेकर दिल्ली के लोगों को भरोसा है कि इसमें तो पर्दे और टायलेट ही करोड़ों रुपये के लगे हैं. अब सीबीआई की जांच में सच का पता चल जाएगा. 



सीबीआई दोषियों को सजा दिलाने का करेगी काम


पी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि ऐसी स्थिति में, जिसमें आप नेता ने 2013 में सदगी का दम भरा था. ऐसी सादगी का दम कि अच्छे—अच्छे भुलावे में आ गए. वो व्यक्ति 2022 तक आलीशान महल में रहने का सपना पूरा करने के लिए क्या-क्या नहीं कर डाला. 2020, 2021 और 2022 का दौर, ब देश के लोग आक्सीजन के लिए परेशान व मजबूर थे. उस समय दिल्ली सरकार आलीशान महल बनवाने में व्यस्त थी. इसलिए, हम सीबीआई जांच का समर्थन कर रहे हैं. सीबीआई जांच से ही पता चलेगा कि फाइल क्यों चुराए गए? जांच होने से सही मायने में सीबीआई तह तक जाकर गलत लोगों को सजा दिलाने का काम करेगी. 


यह भी पढ़ें: Sukhpal Singh Khehra Arrest: प्रताप सिंह बाजवा के बयान पर AAP नेता का पलटवार, कांग्रेस नेता जमीन-आसमान में फर्क करना सीख लें