Delhi News: देश की राजधानी दिल्ली में बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों के लोग रहते हैं. इसको लेकर सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (CSDS) की तरफ से एक सर्वे किया है. इस सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. सीएसडीएस के सर्वे के अनुसार दिल्ली की झुग्गी बस्तियों और अनाधिकृत बस्तियों में रह रहे 10 में से आठ लोग उत्तर प्रदेश (UP), बिहार (Bihar) या फिर पश्चिम बंगाल (West Bengal) से हैं. वहीं सिर्फ यूपी और बिहार के 70 प्रतिशत लोग हैं. इससे भी ज्यादा हैरानी वाली बात यह है कि इनमें 78 प्रतिशत लोगों की परिवारिक आय हर माह 20 हजार रुपये से भी कम हैं.


सीएसडीएस की तरफ से दिल्ली के 1,017 लोगों के सैंपल साइज के आधार पर अध्ययन किया गया था. इसमें पता चला कि इन लोगों में से करीब 45.5 लोग 10 साल से ज्यादा समय से शहर में रह रहे हैं. वहीं 28.7 प्रतिशत लोगों का जन्म यहीं हुआ है. इसके अलावा 48.2 प्रतिशत 35 साल से कम आयु के हैं. जनसंख्या में भारी संख्या में पुरुष हैं. साथ ही इनमें से अधिकतर लोगों के घरों में 2 कमरे भी नहीं हैं. 81.9 पुरुष विवाहित हैं. पिछले कई सालों की जनगणना रिपोर्ट में यह भी पत्ता चल चुका है कि दिल्ली को प्रवासियों का शहर कहा जाए तो कुछ गलत नहीं.


दिल्ली सरकार की योजनाओं का कितने लोग उठा रहे हैं लाभ?


इसके अलावा सर्वे में यह भी पता चला है कि 60 प्रतिशत अधिक लोगों ने मिडिल स्कूल से आगे कोई शिक्षा नहीं ली है. इनमें से केवल 8.5 या तो कॉलेज स्नातक में थे या फिर उनके पास उच्च शैक्षणिक योग्यता थी. वहीं 83.7 प्रतिशत लोग एलपीजी का उपयोग कर रहे हैं. वहीं 53 प्रतिशत लोगों के घर में टेलीविजन सेट है. इसके अलावा 84.2 प्रतिशत लोगों के पास बैंक या डाकघर में खाता था. सिर्फ 40 प्रतिशत लोगों को पास एटीएम और क्रेडिट कार्ड थे. वहीं 96 प्रतिशत से ज्यादा लोगों के पास आधार कार्ड है. साथ ही 3 में से एक व्यक्ति ही दिल्ली सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठा पा रहा है. इनमें से 60 प्रतिशत लोगों ने बिजली की सब्सिडी और 40 प्रतिशत लोगों को मुफ्त राशन मिल पा रहा है. सरकार की मुफ्त पानी योजना से करीब 27 प्रतिशत लोगों को लाभ मिला है.


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