Delhi Lok Sabha Chunav 2024: परिसीमन के बाद 15 सालों पहले अस्तित्व में आई पश्चिमी दिल्ली लोकसभा की सीट, राजधानी की दिल्ली की ऐसी सीट है, जहां मिश्रित समुदाय के लोग रहते हैं. पूर्वांचल बहुल माने जाने वाले इस लोकसभा क्षेत्र में यूपी-बिहार के लोगों के अलावा पंजाबी, जाट, मुस्लिम समेत अन्य समुदाय के लोग भी रहते हैं. यही वजह है कि इस सीट को काफी अहम माना जाता है.
2009 में पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट पर पहली बार चुनाव हुए थे तो उसमें असम के पूर्व उपराज्यपाल रहे जगदीश मुखी को बीजेपी की तरफ से चुनावी मैदान में उतारा गया था, लेकिन उन्हें उस वक्त कांग्रेस में रहे और पूर्वांचलियों के कद्दावर नेता महाबल मिश्रा से हार का सामना करना पड़ा था. हालांकि, उसके बाद के चुनावों में बीजेपी ने वापसी की और लगातार इस पर जीत हांसिल की वह भी रिकॉर्ड मतों से.
कैसा रहा है इस सीट का इतिहास?पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट के अंदर द्वारका, मादीपुर, जनकपुरी, उत्तम नगर, राजौरी गार्डन, तिलक नगर और नजफगढ़ समेत 10 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इस सीट का कुछ हिस्सा गुरुग्राम से भी लगता है. अस्तित्व में आने से पहले इस सीट का अधिकांश हिस्सा बाहरी दिल्ली लोकसभा सीट में आता था, जिसका नेतृत्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार ने सांसद के रूप में कई बार किया था. अब तक इस सीट पर 2009, 2014 और 2019 के लोकसभा में चुनाव हुए हैं. जिसमें पहला चुनाव कांग्रेस के नाम रहा तो बाकी दोनों मौकों ओर बीजेपी ने यहां से जीत हासिल की. पूर्वांचल, पंजाबी और जाट बहुल होने के कारण पॉलिटिकल पार्टियां यहां से इन्हीं समुदायों से आने वाले प्रत्याशियों को चुनाव के मैदान के उतारती है.
2009 में इस सीट पर हुए पहले चुनाव में कांग्रेस पार्टी की तरफ से पूर्वांचलियों के कद्दावर नेता और जनकपुरी से तीन बार के विधायक रहे महाबल मिश्रा को उतारा गया था. वहीं बीजेपी की तरफ से असम के पूर्व राज्यपाल रहे जगदीश मुखी को टिकट दिया गया था. लेकिन उन्हें महाबल मिश्रा से हार का सामना करना पड़ा और वे इस लोकसभा सीट से पहले सांसद बने. इन दोनों के अलावा बसपा ने भी इस चुनाव में दीपक भारद्वाज को अपनी पार्टी की तरफ से प्रत्याशी के रूप में खड़ा किया था. लेकिन उन्हें तीसरे स्थान से ही संतोष करना पड़ा था.
2014 में प्रवेश वर्मा ने दर्ज की थी जीतइसके बाद 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में एक बार फिर से कांग्रेस ने महाबल पर भरोसा जताते हुए उन्हें दोबारा प्रत्याशी बनाया, लेकिन इस बार केजरीवाल की पार्टी के अस्तित्व में आने के बाद मुकाबला बीजेपी और आप के बीच था. बीजेपी ने जहां पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा को चुनावी मैदान में उतारा था तो AAP ने जनरैल सिंह को टिकट दिया था. लेकिन अपना पहला चुनाव लड़ रहे प्रवेश वर्मा ने लगभग 32 प्रतिशत मत हांसिल कर AAP को पटखनी दे कर जीत दर्ज की थी और इस बार कांग्रेस की काफी बुरी स्थित हुई और महज साढ़े 9 प्रतिशत वोट शेयर के साथ वह तीसरे नंबर पर रही.
2019 के चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशी तो वही रहे, लेकिन AAP ने अपना उम्मीदवार बदला और बलबीर सिंह जाखड़ को बीजेपी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा था. लेकिन बीजेपी ने इस बार प्रचंत वोट हांसिल किया और प्रवेश वर्मा रिकॉर्ड 578486 वोटों से जीते. वहीं कांग्रेस ने अपने पिछले प्रदर्शन को सुधारा और वह दूसरे स्थान पर रही. इस तरह से प्रवेश वर्मा लगातार दूसरी बार भी इस सीट से सांसद चुने गए.
बीजेपी पर भारी पड़ेगा महाबल का बल?लगातार दो बार सासंद रहे प्रवेश वर्मा का टिकट इस बार अप्रत्याशित रूप से पार्टी ने काट कर कमलजीत सेहरावत को अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं एक बार फिर से बीजेपी के सामने महाबल मिश्रा खड़े हैं, लेकिन इस बार महाबल के पीछे कांग्रेस और AAP दोनों का ही बल है, जिससे कहीं न कहीं इस बार वे बीजेपी की कमलजीत पर भारी पड़ते नजर आ रहे हैं. बता दें कि कमलजीत सेहरावत द्वारका बी से पार्षद हैं और पूर्व महापौर रह चुकी हैं. वे जाट समुदाय से आती हैं.
वहीं महाबल मिश्रा काफी अनुभवी राजनीतिज्ञ हैं और पार्षद, विधायक से लेकर वे सांसद तक रह चुके हैं. उनकी पूर्वांचलियों में काफी पकड़ मानी जाती है, वहीं क्षेत्र की जनता के लिए किए गए कार्यो की वजह से वे अन्य समुदायों के बीच भी काफी लोकप्रिय हैं. अब देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी मोदी की गारंटी के सहारे सेहरावत के सिर पर जीत का सेहरा बांध पाती है या फिर आप और कांग्रेस के बल से महाबल इस चुनाव में बीजेपी को मात देते हैं.
चुनाव की तारीखों का हो चुका है एलानबता दें कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने लोकसभा 2024 चुनाव की तारीखों का ऐलान कर चुके हैं और जिसके बाद अचार संहिता लग चुकी है. चुनाव 7 चरणों मे होगा. पहला चरण 19 अप्रैल और आखिरी चरण 1 जून को होगा और लोगो के द्वारा किये गए वोटों की गिनती 4 जून को होगा.
19 अप्रैल को पहला चरण, 26 अप्रैल दूसरा चरण, 7 मई को तीसरा, 13 मई को चौथा, 20 मई को पांचवां, 25 मई को छठा और सातवां 1 जून को. वही राजधानी दिल्ली की बात करें तो सातों सीटों पर 25 मई को होगी वोटिंग होगी. इस बार करीब 97 करोड़ लोग वोट डालेंगे जिसमे से 1.8 करोड़ वोटर वें वोटर हैं जो इसबार के लोकसभा चुनाव में पहली बार वोट करेंगे.
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