Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल फुंक चुका है. सात चरणों में 543 लोकसभा सीटों पर देशभर में वोट डाले जाएंगे. दिल्ली के मतदाता छठे चरण यानी 25 मई को मतदान करेंगे. इस बीच एक नई खबर सामने आई है. खबर यह है कि इस बार गांधी परिवार के मतदाता अपने ही पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में मतदान नहीं कर पाएंगे. ऐसा पहली बार होगा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और रॉबर्ट वाड्रा कांग्रेस के प्रत्याशी को वोट चाहते हुए भी नहीं डाल पाएंगे.
इसके पीछे मुख्य वजह यह है कि दिल्ली की सात लोकसभा सीट पर कांग्रेस इस बार आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रही है. इंडिया गठबंधन फार्मूले के तहत सात में से चार सीटें आम आदमी पार्टी के खाते में गई हैं. जबकि तीन सीटें कांग्रेस के खाते में आई हैं. इनमें चांदनी चौक, उत्तर पूर्वी दिल्ली और उत्तर पश्चिमी दिल्ली की सीटें शामिल हैं. आज कांग्रेस अपने तीनों सीटों पर प्रत्याशी का ऐलान कर सकती है.
आम आदमी पार्टी के खाते में जो चार सीटें गई हैं, उनमें नई दिल्ली, दक्षिण दिल्ली, पश्चिम दिल्ली, पूर्वी दिल्ली शामिल हैं. आम आमदी पार्टी ने इन सीटों पर क्रमश: सोमनाथ भारती, सहीराम पहलवान, महाबल मिश्रा और पूर्वी दिल्ली से कुलदीप कुमार को प्रत्याशी बनाया हैं. महाबल मिश्रा कांग्रेस के टिकट पर दिल्ली में पार्षद, विधायक और सांसद रह चुके हैं. इस बार वह आम आदमी पार्टी की टिकट पर पश्चिमी दिल्ली से चुनाव लड़ रहे हैं.
ये है वजह
अहम सवाल यह है कि, गांधी परिवार के मतदाता और पार्टी के शीर्ष नेता कांग्रेस के प्रत्याशी को वोट क्यों नहीं डाल पाएंगे. इसका जवाब यह है कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी दिल्ली के मौलाना आजाद रोड स्थित निर्माण भवन बूथ पर वोट डालती हैं. राहुल गांधी औरंगजेब लेन स्थित अटल आदर्श विद्यालय, प्रियंका गांधी वाड्रा लोधी इस्टेट के अटल आदर्श विद्यालय और राबर्ट वाड्रा लोधी इस्टेट स्थित विद्या भवन सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बने बूथ पर मतदान करते आए हैं. ये सभी बूथ नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र में स्थित है. नई दिल्ली संसदीय सीट गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी के कोटे में हैं. यही वजह है कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और रॉबर्ट वाड्रा इस बार चाहते हुए भी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी को वोट नहीं डाल पाएंगे.
नई दिल्ली सीट पर कांग्रेस का रिकॉर्ड रहा है अच्छा
नई दिल्ली संसदीय सीट पर साल 1952 से 2009 तक लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी हर बार चुनाव लड़े हैं. सात बार कांग्रेस के प्रत्याशी नई दिल्ली से जीत हासिल करने में भी कामयाब हुए. 2004 और 2009 लोकसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस नेता अजय माकन चुन गए था. 2014 और 2019 में मीनाक्षी लेखी लगातार दो बार चुनाव जीतीं और कांग्रेस प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा.
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