Delhi News: दिल्ली सरकार का लोकनायक जयप्रकाश नारायण (LNJP) अस्पताल दिल्ली ही नहीं बल्कि देश के प्रतिष्ठित और मशहूर अस्पतालों में से एक है. जहां तमाम तरह की आधुनिक चिकित्सा सेवाओं और सुविधाओं का लाभ देश के कोने-कोने से आये मरीजों को मिलता है. क्या आपको पता है कि दिल्ली सरकार के इस बड़े अस्पताल का नाम इसके स्थापना से लेकर कई वर्षों तक कुछ और था और यह कितने बेड के साथ शुरू हुआ था?


शायद आपका जवाब 'ना' ही होगा. तो चलिए, इस खबर में आपको हम लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल के शुरुआती नाम के साथ इसके इतिहास के बारे में बताते हैं.


1930 में रखी गई थी आधारशिला


दिल्ली सरकार के सबसे बड़े लोकनायक जयप्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल का नाम पहले लॉर्ड इरविन अस्पताल था. इसका नाम ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड इरविन के नाम पर रखा गया था. 10 जनवरी 1930 को तत्कालीन सेंट्रल जेल परिसर में बनी इस अस्पताल की आधारशिला लॉर्ड इरविन ने रखी थी. इस अस्पताल की शुरुआत 350 बेड के साथ हुई थी.


उस वक्त यह दिल्ली की छोटी आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी बड़ा था. हालांकि, 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति और फिर बंटवारे के बाद पाकिस्तान से आए हजारों शरणार्थियों के लिए लिए 350 बेड का यह अस्पताल छोटा साबित होने लगा. जिसे देखते हुए इसमें बुनियादी सुविधाओं समेत संसाधनों का विकास किया गया. 50 के दशक की शुरुआत तक इरविन अस्पताल उत्तर भारत के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक बन गया था. नवंबर 1977 में इरविन अस्पताल का नाम बदलकर लोकनायक जयप्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल कर दिया गया.




मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज एलएनजेपी का हिस्सा


मेडिकल कॉलेज की आवश्यकता को देखते हुए अगस्त 1957 में भारत सरकार ने अपनी दूसरी पंचवर्षीय योजना में एक समग्र मेडिकल कॉलेज खोलने की सिफारिश की, जिसके लिए इरविन अस्पताल (एलएनजेपी) को चुना गया था. मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज इसी अस्पताल का हिस्सा है. अस्पताल को समय के साथ मरीजों की व्यापक जांच और उपचार के लिए नवीनतम अत्याधुनिक उपकरणों से लैश किया गया.


2024 में अस्पताल ने पूरे किए 94 वर्ष


यह अस्पताल एक तृतीयक रेफरल केंद्र के रूप में कार्य करता है. यहां बड़ी संख्या में मरीज जटिल रोगों के इलाज के लिए आते हैं. बात करें अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टर, नर्स और अन्य कर्मचारियों की तो वे सभी काफी अनुभवी एवं पेशेवर हैं. अस्पताल में सभी मेडिकल और सर्जिकल विशेषज्ञताओं में 1597 से अधिक कमीशन बेड हैं. यह जीएनसीटी, दिल्ली के प्रमुख शिक्षण अस्पतालों में से एक है. इसने 10 जनवरी 2024 को उत्कृष्ट स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं में अपने 94 वर्ष पूरे कर लिए हैं. मौजूदा समय मे भी यह सरकार का सबसे प्रतिष्ठित और प्रमुख शिक्षण अस्पताल बना हुआ है.


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