Delhi: दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर स्थित नजफगढ़ नाले में पिछले एक सप्ताह में बड़ी संख्या में मछलियां मारी गई हैं. सोमवार को अधिकारियों ने यह जानकारी दी. घटना की जानकारी मिलते ही मौत के कारणों का पता लगाने के लिए आला अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची और नाले में जलीय जीवों को नुकसान से बचाने के तरीकों पर चर्चा की. वन विभाग के अधिकारियों ने  कहा कि मारी गई मछलियों की संख्या 1 लाख से भी ज्यादा हो सकती है.


मौत के कारणों की जांच कर रहे अधिकारी
अधिकारियों ने कहा कि  नजफगढ़ नाले के दोनों किनारों पर मरी हुई मछलियों के समूह तैरते हुए देखे गए, इन मछलियों की संख्या हजार से लाख के बीच हो सकती है. अधिकारियों ने कहा कि ऐसा लगता है कि ये मौतें पिछले एक हफ्ते में हुई हैं. हम मौत के कारणों की जांच कर रहे हैं.


नाले में आता हैं हरियाणा की फैक्ट्रियों का प्रदूषण
उन्होंने कहा हि हमने हरियाणा सरकार के साथ-साथ गुड़गांव प्रशासन को भी मामले से अवगत करा दिया है. हमें ऐसा लगता है कि नाले में प्रदूषण का स्तर बढ़  जाने के कारण ऑक्सीजन का स्तर लगभग शून्य हो गया था, जिसकी वजह मछलियों की मौत हो गई. उन्होंने कहा कि नाले में मिलने वाले कचरे का ज्यादातर हिस्सा हरियाणा की फैक्ट्रियों से आता है.


जांच के लिए अधिकारियों ने लिए पानी के सैंपल
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) और सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग (I&FC) को मौत के कारणों का पता लगाने का काम सौंपा गया है.  DPCC ने रविवार को और I&FC ने सोमवार को जांच के लिए पानी के नमूने लिये. डीपीसीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमने पानी में ऑक्सीजन का स्तर जांचने के लिए पानी के नमूने लिए हैं. वहीं  I&FC  के मुख्य सचिव आशीष कुंद्रा ने कहा कि मछलियों की मौत की असली वजह तलाशने के लिए हमने सैंपल लिये हैं. हम 4-5 दिनों में किसी नतीजे पर पहुंचेंगे. इस बीच, गांवों के स्थानीय लोगों ने कहा कि नाले का पानी भी जोहड़ (तालाबों) में जाता है, वहां भी मछलियां और सांप मृत पाए गए हैं.


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