Jamiat Ulama-i-Hind Conference: दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत उलेमा-ए-हिंद (Jamiat Ulama-i-Hind) के 34वें अधिवेशन का आज दूसरा दिन है. इस मौके पर जमीयत की ओर से हेट कैंपेन (Hate Campaign  ), पर्सनल लॉ से छेड़छाड़ (Personal Law), राष्ट्रीय एकता (National Unity), कॉमन यूनिफॉर्म सिविल कोड ( Common Uniform civil code) के खिलाफ प्रस्ताव रखा जाएगा. ये जानकारी जमीयत उलेमा-ए-हिंद के सचिव नियाज फारूकी ने दी. उन्होंने कहा कि आज हम यूसीसी से लेकर इस्लामोफोबिया (Islamophobia)पर प्रस्ताव पास करेंगे. गौरतलब है कि इन में कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर  केंद्र की सत्ता पर काबिज बीजेपी तेजी से काम करती हुई नजर आ रही है. 


मदनी के बयान पर दी सफाई


इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मदनी साहब का जो बयान था, वह अधूरा है. अपने बयान को वे आज पूरा करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मदनी साहब ने जो कुछ कहा है, उसे हिंदू-मुसलमान के नजरिए से न देखें. हिंदू-मुसलमान सब में कुछ ऐसे तत्व हैं, जो गड़बड़ करते हैं. इसके आगे उन्होंने कहा कि इस्लाम सबसे पुराना धर्म है, ये अपने पहले पैगंबर हजरत आदम के समय से ही सभी धर्मों को जोड़कर चलता है. 


देश के माहौल पर आज होगी चर्चा


फारूकी  ने कहा कि इस वक्त देश में जो माहौल है, उसको लेकर भी आज बात होगी.  इसके साथ ही उन्होंने साफ किया कि हमारे सम्मेलन को चुनाव से जोड़कर न देखा जाए. उन्होंने कहा कि देश में कही न कहीं चुनाव हमेशा होते रहते हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि हमारे सम्मेलन का प्रभाव चुनाव पर भी पड़ेगा, वोटर पर भी और नेताओं पर भी.


महमूद मदनी के इस बयान की हो रही है चर्चा


गौरतलब है कि दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के 34वें अधिवेशन के पहले दिन जमीयत के महासचिव महमूद मदनी ने कहा था कि इस्लाम धर्म दुनिया का सबसे पुराना मजहब है. इस दुनिया में इस्लाम धर्म के पहले पैगंबर के तौर पर हजरत आदम आए थे, जो दुनिया के पूरी मानवता के पिताम: हैं. वो इसी धरती पर आए थे, ऐसे में मुसलमानों को बाहरी कहना गलत है.  इसके बाद उन्होंने कहा कि मोहम्मद साहब तो इस्लाम धर्म के आखरी पैगंबर हैं, जो हजरत आदम की दी हुई शिक्षा को पूर्ण करने आए थे. इसलिए भारत की धरती इस्लाम की धरती है, क्योंकि इस्लाम के पहले पैगंबर हजरत आदम को ईश्वर ने स्वर्ग से इसी धरती पर उतारा था. 


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