Haryana News: हरियाणा के मानेसर (Manesar) क्षेत्र में 1,810 एकड़ भूमि के अधिग्रहण (Land Acquisition) के खिलाफ प्रदर्शन (Protest) कर रहे किसानों ने बुधवार को सरकार से सामूहिक आत्महत्या (Mass Suicide) की ‘अनुमति’ मांगी. किसानों ने सामूहिक आत्महत्या की अनुमति के लिए उपायुक्त निशांत कुमार यादव (Deputy Commissioner Nishant Kumar Yadav) को ज्ञापन सौंपा. इससे पहले उन्होंने राजीव चौक से फ्लैग मार्च करके मिनी सचिवालय को घेर लिया.


क्या है किसानों की मांग
किसान 70 दिन से अधिक समय से सरकार से यह मांग करते हुए प्रदर्शन रहे हैं कि या तो वह भूमि अधिग्रहण को रोकें या फिर उन्हें मौजूदा बाजार दर पर मुआवजा दिया जाए. किसान समिति के सदस्यों ने 25 गांवों में सत्तारूढ़ बीजेपी और जननायक जनता पार्टी (जजपा) के सभी नेताओं का बहिष्कार करने का फैसला किया है. किसानों ने कहा है कि वे उन्हें अपने गांवों में प्रवेश नहीं करने देंगे.


सीएम के प्रस्ताव को किसानों ने किया खारिज
उपायुक्त ने किसानों को आश्वासन दिया कि सरकार को उनकी मांगों से अवगत कराया जाएगा, जिसके बाद वे मानेसर में अपने विरोध प्रदर्शन स्थल पर लौट आए. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दो दिन पहले चंडीगढ़ में किसानों को बातचीत के लिए बुलाया था. हालांकि, उनके प्रस्ताव को किसानों ने खारिज कर दिया था.


किसान बोले- जमीन गई तो जान दे देंगे
हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं आधारभूत संरचना विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) ने कासन, खोह, कुकदौला और सहरावां गांवों में भूमि अधिग्रहण के लिए साल 2010 में नोटिस जारी किए थे. किसान नेता रोशन लाल ने कहा, “सरकार अंधी हो गई है और किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं है... किसान किसी भी हाल में सरकार द्वारा दिया गया मुआवजा नहीं लेंगे और अगर वे हमारी जमीन लेते हैं तो हम इसके लिए अपनी जान तक देने को तैयार हैं.” एक अन्य किसान नेता रोहताश यादव ने कहा, “हमने अपने 25 गांवों में बीजेपी और जजपा के सभी नेताओं का बहिष्कार किया है. किसान किसी भी हालत में अपनी जमीन पर कब्जा नहीं होने देंगे.”


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