Delhi News: दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर विदेश भेजने के एक बड़े मामले का खुलासा करते हुए वेस्ट बंगाल बेस्ड एजेंट को गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान शेख आरिफ के रूप में हुई है. वह वेस्ट बंगाल के उतरी 24 परगन का रहने वाला है. आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार एजेंट म्यांमार के दो विदेशी नागरिकों का फर्जी आधार और पैन कार्ड बनवाया. उसी के आधार पर दोनों को रशिया भेजा गया. हालांकि, दोनों ही रोहिंग्यों को रूस से डिपोर्ट कर वापस इंडिया भेज दिया गया. जहां दिल्ली एयरपोर्ट पर उनकी गिरफ़्तारी के बाद इस बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ.


डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि 22 फरवरी को म्यांमार के दो नागरिक तोहा और राबिया अबिया को रशिया से डिपोर्ट कर आईजीआई एयरपोर्ट पर भेजा गया. यहां जब उनके यात्रा दस्तावेजों की जांच की गई तो पता चला की उन्होंने फर्जी तरीके से भारत में शुवो जीत दास और बबीता राय नाम का डॉक्यूमेंट बनवाया था, जिसके आधार पर वे 20 फरवरी को दिल्ली से रशिया गए थे. फर्जी भारतीय दस्तावेजों पर यात्रा करने और इम्मीग्रेशन को धोखा देने के मामले में दोनों यात्रियों को एयरपोर्ट थाने की पुलिस के हवाले कर दिया गया.


10-10 लाख बांग्लादेशी टका में हुई थी डील


इस मामले में एयरपोर्ट थाने की पुलिस ने जब दोनों म्यांमार नागरिकों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि साल 2017 में म्यांमार में बने इमरजेंसी के हालातों में वे वहां से बांग्लादेश चले गए थे. वहां एक एजेंट नूर आलम ने इन्हें रशिया भेजने का वादा किया था. उसने दोनों से 10-10 लाख बांग्लादेशी टाका में विदेश भेजने की डील की. उन्होंने अपने परिवार की ज्वेलरी और अन्य सामानों को बेच कर एजेंट नूर आलम को पैसे दे दिए. जिसके बाद एजेंट ने अगरतला बॉर्डर होते हुए उन्हें भारत में एंट्री दिलाई.


पश्चिम बंगाल से शातिर एजेंट गिरफ्तार


उसके बाद वे लोग सियालदह, 24 परगना, बारासात और हृदयपुर पहुंचे, जहां काफी समय तक रहे. नूर आलम ने अपने सहयोगी शेख आरिफ अली की सहायता से शुभोजीत दास और बबिता रॉय के नाम का उनका पैन कार्ड और आधार कार्ड बनवाया. फिर उसकी सहायता से भारतीय पासपोर्ट भी बनवा दिया. ताकि वे रशिया जा सकें. इस मामले में दोनों को गिरफ्तार करने के लिए एसएचओ विजेंदर राणा के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर आरोपी एजेंट की तलाश में लगाया गया था. पुलिस टीम ने टेक्निकल सर्विलांस और लोकल इंटेलिजेंस की सहायता से एजेंट शेख आरिफ अली को वेस्ट बंगाल में उंसके एक ठिकाने से गिरफ्तार कर लिया.


पैसे कमाने की चाह में करने लगा ठगी का काम


आरोपियों ने पूछताछ के दौरान अपनी संलिप्तता स्वीकार किया. साथ ही बताया कि वह 12वीं तक पढ़ा है. वेस्ट बंगाल की वी टेक्नोलॉजी नाम की कंपनी में काम करता है. यह कंपनी आधार कार्ड बनाने और अपडेशन का काम करती है. उसने बताया कि हृदयपुर में इंडियन बैंक के ब्रांच में कार्ड सेंटर ऑर्गेनाईज किया गया था. इसी में उसकी मुलाकात एजेंट नूर आलम से हुई थी. उसने उसे दोनों के फर्जी पैन कार्ड और आधार कार्ड बनाने को कहा था. जिसके बदले उसने उसे अच्छे खासे पैसे दिए थे. उसने बताया कि फोटोशॉप और हाईटेक एप की सहायता से उनका फर्जी दस्तेवज बनाया था. वह आसानी से पैसे कमाने की चाह में नूर आलम के साथ मिलकर लोगों से ठगी करने लगा. अब इस मामले में पुलिस आरोपी एजेंट को गिरफ्तार कर नूर आलम की तलाश और पूरे सिंडिकेट के खुलासे में जुटी है. 


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