Face Recognition Software At IGI Airport: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) लगातार वांटेड अपराधियों के बारे में पता कर उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाने की कोशिश में लगी रहती है. इसी कड़ी में एक और कदम आगे उठाते हुए पुलिस सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत एयरपोर्ट पर लगे सीसीटीवी कैमरों में फेस रिकग्निशन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने जा रही है. आने वाले मई महीने तक इसके शुरू हो जाने की संभावना जताई जा रही है. उन कैमरों को एंट्री और एग्जिट पॉइंट पर लगाया जाएगा, जिसके बाद कैमरे की नजर में आते ही वांटेड अपराधियों की तस्वीरें पुलिस हेडक्वार्टर तक पहुंच जाएगी और फिर उन्हें उड़ान भरने से रोक कर पुलिस उनको सलाखों के पीछे पहुंचा सकेगी.


देश भर के एयरपोर्ट पर कहीं पर भी इस तरह की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है, जिसका फायदा उठा कर वांटेड बदमाश हवाई मार्ग का इस्तेमाल कर देश में कहीं भी आ-जा सकते हैं. एयरपोर्ट पर वही वांटेड अपराधी पकड़े जाते हैं, जो विदेश भागने की फिराक में होते हैं और वो भी तब जब उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर नोटिस जारी किया जाता है. ऐसे में दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सीसीटीवी कैमरे में फेस रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से वांटेड अपराधियों को पकड़ना काफी आसान ही जाएगा.


लाल किला के कार्यक्रम में पुलिस करती है इस्तेमाल


पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ये सॉफ्टवेयर काफी कारगर है और पिछले 15 सालों से दिल्ली पुलिस इसे लाल किला पर होने वाले कार्यक्रमों में इस्तेमाल करती आ रही है, जहां उन्होंने फेस रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर युक्त सीसीटीवी कैमरे की सहायता से अब तक तीन वांटेड अपराधियों को पकड़ने में कामयाबी पाई है.


कैसे काम करता है फेस रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर?


फेस रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर युक्त कैमरों में वांटेड अपराधियों की तस्वीरें डाली जाएंगी और जब भी कोई इस कैमरे के सामने आएगा, तो ये सॉफ्टवेयर अपने डेटा बेस में डाले गए वांटेड अपराधियों की तस्वीरों से उसकी मिलान करेगा और जो भी उस हुलिए से मिलता-जुलता नजर आएगा, उसकी सूचना तुरंl ही पुलिस हेडक्वार्टर तक पहुंच जाएगी. इसके बाद पुलिस उसे आसानी से गिरफ्तार कर पाएगी.


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