दिल्ली के हुमायूं मकबरा के परिसर में हुए हादसे के मामले में पुलिस ने दरगाह का डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (DVR) जब्त कर लिया है. केयरटेकर्स से पूछताछ की जा रही है. डीएसपी साउथ ईस्ट ने इसकी जानकारी दी. पुलिस ने जांच और आगे की आवश्यक कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है.
अलग-अलग अस्पतालों में घायलों का इलाज
बता दें कि हजरत निजामुद्दीन इलाके हुमायूं मकबरा के पीछे स्थित पट्टे शाह दरगाह में शुक्रवार (15 अगस्त) की शाम को बड़ा हादसा हो गया. भारी बारिश के बाद दरगाह के दो कमरों की छत और एक दीवार गिरने से 10-12 लोग मलबे में दब गए. पुलिस, फायर ब्रिगेड और NDRF की टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर 12 लोगों को बाहर निकाला, जिनमें से 6 की मौत हो गई. मृतकों में 3 पुरुष और 3 महिलाएं शामिल हैं. कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं और अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है.
पुरानी और कमजोर छत और दीवार गिर गई
दिल्ली पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, शाम करीब 3:55 बजे पुलिस को PCR कॉल के जरिए सूचना मिली कि हुमायूं मकबरे के पीछे पट्टे शाह दरगाह की दीवार गिर गई है और लोग फंसे हुए हैं. SHO और स्थानीय पुलिस पांच मिनट में मौके पर पहुंची और स्थानीय लोगों के साथ मिलकर मलबा हटाना शुरू किया. थोड़ी देर में फायर ब्रिगेड, CATS एंबुलेंस और NDRF भी मौके पर पहुंच गए. बारिश के कारण पुरानी और कमजोर छत और दीवार गिर गई. बताया जा रहा है कि बारिश का पानी जमा होने से संरचना और कमजोर हो गई थी. हादसे के समय कई लोग नमाज़ अदा करने और दरगाह पर दुआ करने आए थे.
पुलिस ने क्या जानकारी दी
- 9 लोगों को AIIMS ट्रॉमा सेंटर में भर्ती किया गया (3 पुरुष, 5 महिलाएं और एक 4 साल का बच्चा)
- 1 पुरुष LNJP अस्पताल में भर्ती
- 1 महिला RML अस्पताल में भर्ती
- एक महिला सुरक्षित बाहर निकल आईं और उन्हें अस्पताल नहीं ले जाया गया
पहली बार दरगाह गई महिला की मौत
एबीपी न्यूज़ ने मृतक अनीता सैनी के बेटे सुभांश सैनी से बात की जो अपनी मां की तलाश में एम्स ट्रामा सेंटर के बाहर मिले. सुभांश सैनी ने बताया कि उनकी मां अनीता सैनी की मौके पर ही मौत हो गई. उन्होंने कहा, "मम्मी पहली बार दरगाह गई थीं और ये हादसा हो गया."
आप ने दिल्ली की बीजेपी सरकार को घेरा
वहीं अब इस मामले पर राजनीति भी शुरू हो गयी है. AAP के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने हादसे पर दिल्ली बीजेपी सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में बारिश के कारण पेड़, खंभे और अब इमारतें गिर रही हैं. प्रशासन को ज़मीन पर उतरकर काम करना चाहिए, सिर्फ बातें करने से कुछ नहीं होगा.