Delhi News:  आप विधायक अमानतुल्लाह खान (Amanatullah Khan) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चल रही जांच और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समन के खिलाफ याचिका दाखिल की थी. दिल्ली उच्च न्यायालय (High Court) ने बुधवार को अमानतुल्लाह को याचिका वापस लेने की इजाजत दे दी. जस्टिस रेखा पल्ली और रजनीश भटनागर की पीठ ने याचिका को वापस ले लिया हुआ मानकर उसे खारिज कर दिया. अमानतुल्लाह के खिलाफ दिल्ली वक्फ बोर्ड भर्ती में कथित अनियमितताओं को लेकर जांच चल रही है.


अमानतुल्लाह खान पर आरोप हैं कि दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने सरकारी नियमों और दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए अवैध रूप से 32 लोगों की भर्ती की थी.  ईडी ने ओखला विधानसभा क्षेत्र के विधायक अमानतुल्लाह के परिसरों पर छापेमारी की थी. ईडी ने दावा किया है कि अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती से बड़ी रकम कमाई और अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदने में उसका इस्तेमाल किया. ईडी अमानतुल्लाह खान को 30 जनवरी को पेश होने का समन भेजा था जिसके बाद  पिछले सप्ताह ही अमानतुल्लाह ने कोर्ट का रुख किया था.


अमानतुल्लाह ने याचिका में की यह मांग
उधर, अमानतुल्लाह ने अपनी याचिका में समन जारी करने और सबूत मांगने के लिए अधिकारियों की शक्तियों से संबंधित कुछ पीएमएलए प्रावधानों को अवैध करने की मांग की थी.  उन्होंने मौजूदा ECIR में किसी भी तरह की जांच को रद्द करने का निर्देश देने की मांग की थी. अमानतुल्लाह का तर्क था कि अपराध से अर्जित कोई भी आय मूल सूचि में शामिल नहीं है यानी दिल्ली में सीबीआई या एसीबी द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में. अमानतुल्लाह ने अपनी याचिका में एसीबी की एफआईआर को इस आधार पर रद्द करने की मांग की थी कि कानून के तहत उसी अपराध के लिए दूसरी बार एफआईआर दर्ज करने पर प्रतिबंध लगा हुआ है.


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