Haj Yatra 2025: दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से शुक्रवार (02 मई) को रात 8 बजे सऊदी एयरलाइंस की फ्लाइट नंबर SV-3085 ने उड़ान भरी. इस फ्लाइट में 51 ऐसी महिलाएं सवार थीं, जो बिना महरम (पुरुष संरक्षक) के हज करने पवित्र शहर मदीना जा रही हैं. ये चौथी हज उड़ान थी, जो दिल्ली से रवाना हुई. टर्मिनल-3 पर दिल्ली स्टेट हज कमेटी की चेयरपर्सन कौसर जहां, कार्यकारी अधिकारी अशफाक अहमद आरफी, डिप्टी अधिकारी मोहसिन अली और बाकी स्टाफ ने इन महिलाओं का जोरदार स्वागत किया. उन्हें फूल देकर सम्मानित किया और हज के लिए शुभकामनाएं दीं.
कौसर जहां ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार ने ये शानदार कदम उठाया है. इससे हर वर्ग की महिलाओं को हज जैसा पवित्र सफर करने की सहूलियत मिल रही है. उनकी बात से साफ है कि सरकार का फोकस महिलाओं को सशक्त बनाने पर है.''
किन-किन राज्यों से हैं ये महिलाएं?
इन 51 महिलाओं में 20 दिल्ली की हैं, 22 उत्तर प्रदेश से, 2 बिहार से, 4 जम्मू-कश्मीर से, 1 पंजाब से और 2 उत्तराखंड से हैं. यानी अलग-अलग राज्यों से महिलाएं इस मौके का फायदा उठा रही हैं. 30 अप्रैल से शुरू हुई हज उड़ानों में अब तक 1646 लोग मदीना जा चुके हैं, जिसमें 839 पुरुष और 807 महिलाएं शामिल हैं. यानी महिलाएं भी बराबर हिस्सेदारी निभा रही हैं.
हज के लिए कब तक चलेंगी उड़ानें?
दिल्ली से हज के लिए कुल 38 उड़ानें तय की गई हैं, जो 30 मई तक चलेंगी. 15 मई तक 16 उड़ानें मदीना जाएंगी, जबकि 16 मई से 30 मई तक 22 उड़ानें जेद्दा के रास्ते मक्का पहुंचेंगी. हर साल हज के लिए लाखों लोग तैयार होते हैं, और इस बार बिना महरम महिलाओं को मौका देना बड़ी बात है.
लोगों का क्या कहना है?
पहले हज के लिए महिलाओं को महरम के साथ जाना जरूरी था, लेकिन अब सऊदी अरब और भारत सरकार की नई नीतियों ने इसे आसान बना दिया. ये बदलाव महिलाओं को आजादी और बराबरी का मौका दे रहा है. दिल्ली स्टेट हज कमेटी ने भी इन यात्रियों के लिए ट्रेनिंग कैंप और दूसरी सुविधाएं मुहैया कराईं, ताकि उनका सफर स्मूद रहे.
सोशल मीडिया और खबरों के मुताबिक, लोग इस पहल की तारीफ कर रहे हैं. कई का मानना है कि ये कदम न सिर्फ धार्मिक बल्कि सामाजिक स्तर पर भी बड़ा बदलाव लाएगा. दिल्ली से हज पर जाने वाली महिलाएं भी खुश हैं कि उन्हें ये मौका मिला.
महिलाओं के लिए नई राह का प्रतीक!
ये उड़ान सिर्फ एक सफर नहीं, बल्कि महिलाओं के लिए नई राह का प्रतीक है. सरकार का ये प्रयास दिल्लीवालों के लिए गर्व की बात है. अब देखना ये है कि आने वाले दिनों में हज यात्रा और कितने लोगों के लिए आसान बनती है.