Delhi News: दिल्ली की सब्जी मंडियों में सब्जी बेचने वाला एक शख्स जब पुलिस के हत्थे चढ़ा, तो किसी को यकीन नहीं हुआ कि वह 16 साल से अपहरण और फिरौती जैसे संगीन मामले में फरार घोषित अपराधी है. उसका नाम है साफदर अली उर्फ सादू, जो 2009 में एक लव मैरिज के बाद हुए सनसनीखेज अपहरण के मामले में सुर्खियों में था और उसके बाद गुमनाम हो गया था.
शादी से चिढ़े भाई ने रची थी साजिश
साल 2009 कालीचरण नाम का युवक अपने मोहल्ले की लड़की से प्यार करता था. दोनों ने समाज के खिलाफ जाकर आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली लेकिन ये शादी शमा के परिवार को गवारा नहीं हुई. खासतौर पर उसका भाई सादू इस रिश्ते को लेकर बौखलाया हुआ था. शादी के कुछ ही दिनों बाद 25 अप्रैल को कालीचरण अचानक गायब हो गया. 26 अप्रैल को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई, लेकिन अगले दिन एक फोन कॉल ने पूरे मामले को हिला कर रख दिया.
कालीचरण ने खुद फोन कर बताया कि शमा के भाई सादू और उसके परिवारवालों ने उसे अगवा कर लिया है और उसे यूपी के बिसौली में बंधक बनाकर रखा है. शर्त रखी गई थी लड़की को वापस भेजो, वरना कालीचरण जिंदा नहीं बचेगा.
क्राइम ब्रांच ने लिया था मोर्चा
मामला संगीन था दिल्ली पुलिस के अशोक नगर थाने में 27 अप्रैल 2009 को अपहरण, फिरौती, धमकी और साजिश की धाराओं में FIR दर्ज हुई. एक आरोपी पकड़ा गया, लेकिन मुख्य साजिशकर्ता सादू गायब हो गया. कोर्ट ने 2012 में उसे घोषित अपराधी घोषित कर दिया.
सब्जी के टोकरों के बीच छुपा 'सादू'
क्राइम ब्रांच की टीम ने इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार और एसआई इन्दरवीर सिंह के नेतृत्व में केस को फिर से खोला. सटीक सूचना के आधार पर छापे मारे गए, खासकर बरेली और दिल्ली के इलाके खंगाले गए. बरेली में एक स्थानीय ने बताया कि सादू अब दिल्ली में सब्जी बेचता है. इसके बाद पुलिस टीम ने सब्जी मंडियों में वेश बदलकर निगरानी शुरू की. सादू तक पहुंचने के लिए पुलिस वाले खुद सब्जी विक्रेता बन गए और आखिरकार 1 मई 2025 को सब्जी मंडी, मुल्ला कॉलोनी, पूर्वी दिल्ली से उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
गुनाह कबूल, पछतावा नहीं
गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में सादू ने बताया बहन की मर्जी की शादी को हम कभी मंजूर नहीं कर सकते थे. वो हमारे खानदान की इज्जत का सवाल था. इसलिए कालीचरण को सबक सिखाना जरूरी था. उसने स्वीकार किया कि वह सालों तक बरेली और दिल्ली में मजदूरी और सब्जी बेचने का काम करता रहा ताकि किसी को शक न हो.
दूसरे केस में भी नाम
सादू सिर्फ इसी केस में नहीं, बल्कि 2022 में बरेली के बिशारतगंज थाना क्षेत्र में मारपीट और धमकी देने के एक मामले में भी आरोपी है. क्राइम ब्रांच की यह कार्रवाई न सिर्फ एक लंबे समय से लंबित केस में सफलता है बल्कि यह भी दिखाता है कि कानून से बचकर कोई हमेशा नहीं भाग सकता.
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