Gurugram News: दिल्ली जयपुर हाईवे किनारे मानेसर से आगे गांव राठीवास भुड़का और दिनौकरी के ग्रामीणों का जीवन दो दिशाओं में बंटा है. एक तरफ जीवन है, तो दूसरी तरफ मौत नजर आती है. मौत सिर्फ नजर नहीं आती, बल्कि अब तक 94 लोग हाइवे पर सड़क दुर्घटनाओं का शिकार हो चुके हैं. 20 साल से ग्रामीणों की एक ही मांग है कि उनके गांव के पास एनएच-48 पर अंडरपास बना दिया जाए, लेकिन सत्ता हासिल करने के बाद ना तो उनकी पुकार को सांसद सुनता है, न ही विधायक.


गांव राठीवास भुड़का और दिनौकरी के ग्रामीणों का आरोप है कि जब भी वे अपनी मांग को लेकर सांसद से बात करते हैं तो उन्हें केवल एक ही आश्वासन दिया जाता है कि उनका अंडरपास पास हो गया है. फाइल मंत्रालय में अटकी हुई है. 


94 ग्रामीण अब तक गंवा चुके हैं जान


अंडर पास न होने के कारण सड़क पार करते हुए इन तीनों गांव के लोग अब तक 94 लोग अपनी जान गवा चुके हैं. तीन दिन पहले भी एक सेना का जवान की वाहन की चपेट में आने से मौत हो गई. उसका बेटा बुरी तरह से घायल हो गया.


ग्रामीण करेंगे दिल्ली जयपुर हाईवे जाम 


ग्रामीणों ने अपनी आवाज तेज करते हुए रविवार को गांव में पंचायत बुलाई. पंचायत में निर्णय लिया गया कि बुधवार (15 May) को ग्रामीण अंडरपास की मांग को लेकर दिल्ली-जयपुर हाईवे को जाम करेंगे. अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर देंगे. ग्रामीणों का कहना है कि उनकी मांग को लगातार अनसुना किया जा रहा है. पहले गांव में हुई पंचायत के दौरान चुनाव बहिष्कार किए जाने का भी फैसला किया गया था, लेकिन अब फैसले को बदलकर ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किए जाने का निर्णय लिया है.


अंडरपास के लिए इस बार आर या पार की लड़ाई


अधिकांश ग्रामीण ऐसे हैं जिनके खेत हाईवे के दूसरी तरफ हैं. उन्हें अपने खेतों तक जाने में भी परेशानी होती है. खेतों की तरफ जाने के लिए उन्हें करीब 5 किलोमीटर लंबा चक्कर काटना पड़ता है. ऐसे में अब उन्हें परेशान होकर यह सख्त कदम उठाना पड़ रहा है. जाम लगाने के बाद डीसी को मौके पर बुलाएंगे और अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपने के बाद तब तक हाईवे से नहीं हटेंगे, जब तक उन्हें अंडरपास निर्माण की कोई निश्चित तारीख नहीं मिल जाती.


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(राजेश यादव की रिपोर्ट )