Haryana News: गुरुग्राम के साइबर क्राइम पुलिस की टीम ने ठगों के एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो फर्जी ट्रेडिंग साइट से स्टॉक मार्केट में इन्वेस्टमेंट का झांसा देकर लोगों से ठगी की वारदात को अंजाम देते थे. इसके लिए ये गिरोह उद्योग विहार फेज-5 में एक फर्जी कॉल सेंटर भी चला रहा था और ये गिरोह अब तक करोड़ों की ठगी को अंजाम दे चुका है. इस मामले में पुलिस ने दो विदेशी नागरिको सहित कुल 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.


गिरफ्तार किए गए आरोपियों की हुई पहचान
ठगी करने वाले आरोपियों की पहचान लतिवा के कॉन्सटेंटाइन फिलिप्स, उज्बेकिस्तान के अल्बर्ट सारिबेकयान उर्फ पीटर, गौरव वर्मा उर्फ, प्रशांत गोयल, मेलबिन मेजन उर्फ रेयान मैथ्यू, राकेश एस नायर उर्फ कैमरून विल्सन, एविन मैथ्यू उर्फ एडम जॉन उर्फ एडम मार्कस, रोहिन्थ हरि चक्रवर्ती उर्फ राजकुमार, दीपांशु वर्मा उर्फ दीपक मल्होत्रा, अमन ग्रोवर उर्फ दुष्यंत सिंघानिया, तेजिंदर सिंह उर्फ तेजिंदर ग्रेवाल, नीरज उर्फ निक्कू टंडन, चाहत अग्रवाल उर्फ आर्यन कश्यप और दिलशाद खान उर्फ समेरा अली के रूप में हुई है.


1 करोड़ 60 लाख की ठगी
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, साइबर क्राइम ईस्ट थाने की पुलिस को दी गई शिकायत में पीड़ित शिकायतकर्ता ने बताया कि, फेसबुक पर विज्ञापन के माध्यम से वो ठगों के संपर्क में आए थे. जिन्होंने शेयर-ट्रेडिंग के नाम पर उनसे 1.6 करोड़ रुपये ठग लिए. पुलिस ने शिकायतकर्ता की शिकायत और उनसे प्राप्त जानकारियों के आधार पर आरोपियों को दबोच लिया.


विज्ञापन दिखाकर लोगों को झांसे में लेते थे आरोपी
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया है कि वो भोले-भाले लोगों को फर्जी ट्रेडिंग वेबसाईट, Lena Trade and Grow Line के द्वारा स्टॉक मार्केट, क्रिप्टो करेंसी और इंटरनेशनल शेयर मार्केट में निवेश करावने के लिए फेसबुक, इंस्टाग्राम और अन्य सोशल नेटवर्किंग साईट्स पर विज्ञापन दिखा कर अपने झांसे में लेते थे. 


ऐसे लोग आ जाते थे झांसं में
आरोपियों ने बताया कि  वेबसाईट पर पीड़ितों के वर्चुअल अकाउंट बनाए जाते थे तथा पीडितों को उन एकाउंट में पैसा निवेश करने के लिए प्रेरित किया जाता था. एक बार जब कोई अपना पैसा ट्रेडिंग में निवेश कर देता था, तो उसके भरोसे को प्राप्त करने के लिए, शुरुआत में उसके पैसे को थोडे लाभ के साथ उसे वापस कर दिया जाता था. बाद में पीडित को ज्यादा पैसा निवेश कराने के लिए प्रेरित किया जाता और जब एक बार पीडित ज्यादा पैसा निवेश कर देता तो उसके बाद उसे कोई पैसा वापस नही दिया जाता था और वो पीड़ित से संपर्क भी नहीं करते थे साथ ही उसके नंबर को भी ब्लॉक कर दिया जाता था.


पुलिस ने इस मामले में आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. जहां से 11 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है, वही दोनो विदेशी नागरिकों को पुलिस रिमांड पर लेकर आगे की पूछताछ में जुट गई है. 


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