Delhi News: दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार से जुड़े कथित भ्रष्टाचार मामले में प्रारंभिक जांच के बाद प्रदेश सरकार में सतर्कता मंत्री आतिशी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 650 पन्ने की प्राथमिक रिपोर्ट सौंप दी है. आतिशी ने द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण में बरती गई अनियमितताओं की प्रारंभिक जांच में पाया है कि दिल्ली चीफ सेक्रेटरी ने अपने बेटे से जुड़ी कंपनी को 850 करोड़ का नाजायज फायदा पहुंचाया. 


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीफ सेक्रेटरी के बेटे की कंपनी ने द्वारका एक्सप्रेसवे के पास साल 2015 में ये जमीन मात्र 75 लाख में खरीदी थी. अब महंगे रेट पर उसी जमीन का भूमि अधिग्रहण द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए हुआ है. इस तरीके से मुख्य सचिव के बेट की कंपनी को 850 करोड़ रुपये का नाजायज फायदा हुआ. रिपोर्ट के मुताबिक चीफ सेक्रेटरी ने बेटे की कई अन्य कंपनियों को भी सरकारी ठेके दिए. बताया जा रहा है कि अब इन कंपनियों की भी जांच होगी. 



ये है पूरा मामला


दरअसल, यह मामला दिल्ली के द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए किए जा रहे जमीन अधिग्रहण से संबंधित है. साल 2018 में जिस जमीन अधिग्रहण के लिए करीब 42 करोड रुपए का मुआवजा तय किया गया, 2023 में उसे बढ़ाकर 353 करोड रुपए कर दिया गया. आरोप यह है कि जिस व्यक्ति की जमीन का अधिग्रहण हो रहा था, उस जमीन की कीमत बढ़ने से जिसको फायदा हो रहा था, उस व्यक्ति के दामाद की कंपनी में दिल्ली के मुख्य सचिव का बेटा करण चौहान काम करता है.


बेटे को 850 करोड़ का लाभ पहुंचाया  


आप सूत्रों के मुताबिक दिल्ली सरकार में सतर्कता मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव नरेश कुमार से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री को 650 पन्नों की प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी है। प्रारंभिक जांच में दावा किया गया है कि दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने अपने बेटे की कंपनी को 850 करोड़ रुपये का अवैध लाभ पहुंचाया. आम आदमी पार्टी सूत्रों के मुताबिक साल 2015 में द्वारका एक्सप्रेसवे के पास मुख्य सचिव के बेटे ने केवल 75 लाख रुपये में जमीन खरीदी थी. 


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