दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) चुनाव में कुछ ही दिन बाकी है. इसको ध्यान में रखते हुए मंगलवार (2 सितंबर) को एसएफआई (SFI) और आइसा (AISA) ने संयुक्त रूप से महापंचायत का आयोजन किया, जिसमें सैकड़ों छात्र शामिल हुए.

सभा का मुख्य उद्देश्य छात्रों के वास्तविक मुद्दों को उजागर करना और ABVP व NSUI पर वादे पूरे न करने का आरोप लगाना था. डूसू चुनाव 18 सितंबर को होंगे और अगले दिन यानी 19 सितंबर को मतगणना की जाएगी.

एफवाईयूपी और NEP पर विरोध

महापंचायत में आइसा की संभावित उम्मीदवार अंजलि ने कहा कि व्यापक विरोध के बावजूद चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम (एफवाईयूपी) को जबरदस्ती लागू किया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय चौथे वर्ष के छात्रों के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा उपलब्ध नहीं करा रहा है. अंजलि ने कहा कि छात्र संगठन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) और शिक्षा संस्थानों के भगवाकरण का विरोध करेंगे.

SFI के संभावित उम्मीदवार सोहन कुमार यादव ने कहा कि मौजूदा छात्रसंघ "सोशल मीडिया की नौटंकी और अंदरूनी कलह" में उलझा रहा, जबकि असल समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया. उनका दावा था कि इस बार छात्र SFI-AISA गठबंधन को ही चुनेंगे क्योंकि वे साल भर छात्रों का वास्तविक प्रतिनिधित्व करेंगे.

महिला सुरक्षा और उत्पीड़न के मामले

महिला सुरक्षा महापंचायत का बड़ा मुद्दा रहा. SFI की संभावित उम्मीदवार अभिनंदना ने कहा कि हर साल उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. आरोप लगाया गया कि एबीवीपी के कार्यकर्ता मिरांडा हाउस, गार्गी और डीआरसी जैसे महिला कॉलेजों में घुस जाते हैं. हाल ही में लक्ष्मीबाई कॉलेज में महिला गार्ड के साथ हुए दुर्व्यवहार का भी जिक्र किया गया.

गठबंधन ने सभी कॉलेजों में सक्रिय आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) की मांग की. पीटीआई के अनुसार, उन्होंने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ ऐसी समितियों का सक्रिय होना महिलाओं की सुरक्षा के लिए जरूरी है.

छात्रावास, फीस और अन्य मांगें

AISA के अभिषेक कुमार ने छात्रावास संकट को गंभीर बताया. उन्होंने कहा कि DU के आधे से अधिक छात्र दिल्ली से बाहर से आते हैं और उन्हें PG या महंगे निजी फ्लैट में रहना पड़ता है. किफायती कमरे अस्वास्थ्यकर हैं और विश्वविद्यालय उत्सवों पर करोड़ों रुपये खर्च करता है, लेकिन छात्रावासों पर ध्यान नहीं देता.

गठबंधन ने आंतरिक मूल्यांकन और शुल्क वृद्धि को वापस लेने, फर्जी एसईसी और वीएसी पाठ्यक्रमों को समाप्त करने की मांग रखी. छात्रों के लिए रियायती मेट्रो पास की सुविधा और सभी कॉलेजों में आईसीसी को सक्रिय करने की भी मांग की गई.

इस महापंचायत के जरिए एसएफआई और आइसा ने स्पष्ट संदेश दिया कि वे इस चुनाव में बुनियादी छात्र मुद्दों एफवाईयूपी, छात्रावास संकट और महिला सुरक्षा को केंद्र में रखकर एबीवीपी व एनएसयूआई को चुनौती देंगे.