दिल्ली की रफ्तार को नई दिशा देने वाला दिल्ली मेट्रो का फेज-IV अब एक और महत्वपूर्ण पड़ाव पर पहुंच गया है. दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) द्वारा लाजपत नगर से साकेत G-ब्लॉक तक बनने वाली नई ‘गोल्डन लाइन-11’ पर शुक्रवार (12 दिसंबर) से निर्माण कार्य की औपचारिक शुरुआत हो गई. टेस्ट पाइलिंग और भूमिपूजन के साथ शुरू हुआ यह काम राजधानी की मेट्रो कनेक्टिविटी में बड़ा बदलाव लाने वाला माना जा रहा है. प्राथमिक कॉरिडोरों के बाद यह फेज-IV का पहला नया सेगमेंट है जहां जमीन पर भौतिक निर्माण की शुरुआत हुई है. यह कदम दिल्ली मेट्रो नेटवर्क के लगातार विस्तार की दिशा में एक अहम उपलब्धि माना जा रहा है.

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टेस्ट पाइल और भूमिपूजन से जुड़ा ऐतिहासिक क्षण

डीएमआरसी के प्रधान कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल ने बताया कि, कॉरिडोर के प्रथम टेस्ट पाइल और भूमिपूजन का कार्यक्रम साकेत के पास पुष्पा भवन के निकट आयोजित किया गया.

इस अवसर पर डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ. विकास कुमार के साथ संगठन के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. इनके अलावा इस परियोजना के कॉन्ट्रैक्टर, रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) के अधिकारी भी समारोह में शामिल हुए.

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8 स्टेशनों के साथ बनेगी एलिवेटेड ‘गोल्डन लाइन-11’

लाजपत नगर से साकेत G-ब्लॉक तक का यह कॉरिडोर पूरी तरह एलिवेटेड होगा. इसमें कुल 8 स्टेशन होंगे. जिसमें लाजपत नगर, एंड्रूज गंज, जीके-1, चिराग दिल्ली, पुष्पा भवन, साकेत डिस्ट्रिक्ट सेंटर, पुष्प विहार और साकेत G-ब्लॉक बनाए जाएंगे. इन स्टेशनों के माध्यम से दक्षिण दिल्ली के कई भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों को एक सहज और तेज परिवहन विकल्प मिलने वाला है.

दक्षिण दिल्ली में बढ़ेगी कनेक्टिविटी

गोल्डन लाइन दक्षिण दिल्ली के व्यस्त इलाकों में आवाजाही को आसान बनाएगी. ग्रेटर कैलाश-1, साकेत और पुष्प विहार जैसे क्षेत्रों के साथ-साथ आस-पास के प्रतिष्ठित स्कूलों और सरकारी कार्यालयों को भी बेहतर मेट्रो सुविधा मुहैया होगी. इस कॉरिडोर से लाखों यात्रियों की रोजमर्रा की यात्रा में समय की बचत और सुगमता बढ़ने की उम्मीद है.

लाजपत नगर बनेगा बड़ा इंटरचेंज हब

यह नया कॉरिडोर चिराग दिल्ली पर मैजेंटा लाइन से और लाजपत नगर पर वायलेट एवं पिंक लाइन से जुड़ जाएगा. इन कनेक्शनों के साथ लाजपत नगर एक ट्रिपल इंटरचेंज स्टेशन के रूप में उभरेगा. जिससे यात्रियों को और अधिक विकल्प और सुविधाजनक यात्रा मार्ग उपलब्ध होंगे.

फेज-IV के अन्य कॉरिडोरों में भी काम जारी

इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ और रिठाला-नरेला जैसे फेज-IV के अन्य कॉरिडोरों पर भी निविदा और पूर्व-निर्माण गतिविधियां जारी हैं. डीएमआरसी का लक्ष्य आने वाले वर्षों में दिल्ली-एनसीआर को और मजबूत और आधुनिक मेट्रो नेटवर्क प्रदान करना है.

प्रधान कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल ने कहा कि दिल्ली मेट्रो ने हमेशा ही समयपालन, सुरक्षा और आधुनिकता को प्राथमिकता दी है. शुरुआत से ही डीएमआरसी ने शहर में यातायात के स्वरूप को बदलने में उल्लेखनीय योगदान दिया है और नई लाइनों के साथ यह परंपरा और मजबूत होती जा रही है.