Delhi News: दिल्ली मेट्रो के आपरेशन में डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने की मुहिम में दिल्ली मेट्रो रेल निगम को बड़ी सफलता हाथ लगी है. इस म​हिम के तहत दिल्ली मेट्रो ने एक महीने से भी कम समय में ने 74 लाख से ज्यादा क्यूआर कोड बेस्ड पेपर टिकट की बिक्री की है. खास बात यह है कि इस दौरान प्लास्टिक टोकन की बिक्री में 30 प्रतिशत से ज्यादा गिरावट आई है. यहां पर इस बात का जिक्र कर दें कि डीएमआरसी ने 8 मई को QR Code बेस्ड पेपर टिकट सिस्टम शुरू किया था.


डीएमआरसी के अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली मेट्रो धीरे-धीरे टोकन सिस्टम को खत्म करने की योजना पर काम कर रही है. इस योजना पर अमल के बाद से दिल्ली मेट्रो प्लास्टिक टोकन की बिक्री में करीब 32 प्रतिशत से ज्यादा की कमी आई है. डीएमआरसी ने 30 मई तक क्यूआर कोड आधारित कुल 74,00,854 टिकटों की बिक्री की है. मेट्रो प्रशासन को भरोसा है कि यात्री टोकन टिकट का इस्तेमाल करना धीरे-धीरे बंद कर देंगे. हालांकि, कुछ यात्रियों ने शिकायत की है कि क्यूआर कोड आधारित कागज के टिकटों का इस्तेमाल करने के दौरान उन्हें ‘ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन’ गेटों पर तकनीकी खामियों का सामना करना पड़ा है. 


फ्यूचर प्लान में रखा जाएगा इस बात का ध्यान


इसके साथ ही दिल्ली मेट्रो फ्यूचर प्लान के तहत किसी भी योजना की शुरुआत डिजिटल तकनीक को ध्यान में रखकर बनाएगी. ऐसा करते वक्त इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि मेट्रो के सभी यात्री स्मार्टफोन इस्तेमाल नहीं करते हैं. 


50% AFC गेट अभी तक अपडेट


दिल्ली मेट्रो प्रबंधन ने दावा किया है कि उसने अपने पूरे नेटवर्क में लगभग 50 फीसदी एएफसी गेटों को अपडेट कर दिया है जो क्यूआर कोड वाले पेपर टिकट स्वीकार करते हैं. क्यूआर कोड आधारित कागज के टिकट की शुरुआत के बाद से टोकन की बिक्री में लगभग 32 प्रतिशत की गिरावट आई है. मेट्रो स्टेशन काउंटर से यात्री टोकन के अलावा क्यूआर कोड आधारित टिकट खरीद सकते हैं. 


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