Haryana BJP Leader Surajpal Ammu: साल 1990 में भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा सोहना के मंडल अध्यक्ष के रूप में संगठन में शामिल हुए सूरजपाल अम्मू 34 की उम्र में प्रदेश प्रवक्ता के पद तक पहुंचे. तीन दशक से ज्यादा समय बीजेपी के साथ गुजारने के बाद उन्होंने लोकसभा चुनाव तैयारियों के बीच पार्टी को अलविदा कह दिया है. इसका कारण उन्होंने संगठन के कुछ ऐसे क्रियाकलापों को बताया है, जिन्हें किसी भी तरह से सही नहीं ठहराया जा सकता.


करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूरजपाल अम्मू ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजे गए अपने त्याग पत्र में कहा है कि वे 10 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े और राष्ट्र की निष्ठा से सेवा की. संगठन से मोह भंग होने का कारण उन्होंने बताया कि कुछ वर्षों से वे एक क्षत्रिय होने के नाते अंतर्मन से पार्टी को क्षत्रिय विरोधी विचारधारा के लोगों को संरक्षण देते देख व्यथित हुए हैं.


राजपूत समाज की उपेक्षा से थे नाराज 


पद्मावत फिल्म में क्षत्रिय समाज की भावनाओं से खिलवाड़ करने व क्षत्रिय मान-सम्मान को बचाने के लिए सड़कों पर आंदोलन उन्होंने किए थे. इसमें हजारों नौजवानों पर केस दर्ज कर उनका भविष्य बर्बाद करने की कार्यवाही की गई. वह भी बीजेपी शासित प्रदेशों में. बार-बार पार्टी पदाधिकारियों से वार्ता करने के बाद भी आज तक कोई मुकदमा वापस नहीं लिया गया. यह अत्यंत खेद की बात है.


खुद की सरकार पर लगाए ये आरोप


गुरुग्राम जिला में राजपूत समाज की जमीन पर जबरदस्ती सरकार द्वारा अधिग्रहण करने की कार्यवाही से भी समाज में आक्रोश है. सूरजपाल अम्मू ने कहा कि क्षत्रिय समाज का राजनीतिक प्रतिनिधित्व भी 2014 के बाद से बीजेपी में निरंतर कम होता जा रहा है. समाज के कद्दावर नेताओं को पार्टी से दरकिनार किया जा रहा है. 


वर्तमान में गुजरात के पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी के प्रत्याशी द्वारा दिवंगत क्षत्रिय माताओं, बहनों के चरित्र पर लज्जाजनक टिप्पणी की गई. ऐसे व्यक्ति को चुनाव में उतारे रखना क्षत्रिय समाज को अपमानित करने जैसा कार्य है. उन्होंने कहा कि पार्टी की ऐसी नीतियों से वे आहत हैं और पार्टी में अपनी प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहे हैं. 


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(राजेश यादव की रिपोर्ट)