राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (दिल्ली जू) में बर्ड फ्लू के संक्रमण ने खतरे की घंटी बजा दी है. पिछले कुछ दिनों में यहां 12 पक्षियों की मौत हो चुकी है, जिसके बाद प्रशासन ने निगरानी और जैव-सुरक्षा उपायों को और मजबूत कर दिया है. अधिकारियों का कहना है कि एच5एन1 एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस की पुष्टि होने के बाद पूरे परिसर को सैनिटाइज किया जा रहा है और सुरक्षा प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू किया गया है.

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अधिकारी ने बताया कि निगरानी दल दिन में दो बार पूरे चिड़ियाघर का सर्वेक्षण कर रहे हैं. प्रवासी पक्षियों के बाड़ों, तालाबों और चारागाहों की विशेष सफाई कर उन्हें कीटाणुमुक्त किया जा रहा है. साथ ही सीसीटीवी कैमरों और संरक्षकों की मदद से सभी जानवरों के स्वास्थ्य और उनके व्यवहार पर करीबी नजर रखी जा रही है.

कर्मचारियों के लिए सुरक्षा इंतजाम

चिड़ियाघर प्रशासन ने कर्मचारियों को दस्ताने, मास्क, सुरक्षात्मक सूट और जूतों के कवर उपलब्ध कराए हैं ताकि संक्रमण फैलने का खतरा न्यूनतम रहे. संक्रमित पाए गए पक्षियों को अलग कर दिया गया है और उनकी लगातार निगरानी की जा रही है.

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मृत और संक्रमित पक्षियों की संख्या

रविवार तक छह पेंटेड स्टॉर्क और दो काली गर्दन वाले आइबिस पक्षियों की मौत जलीय पक्षीशाला में हो चुकी थी, जबकि चार प्रवासी पेंटेड स्टॉर्क तालाबों में मृत पाए गए. जांच में पाया गया कि दो पेंटेड स्टॉर्क और दो आइबिस पक्षियों के नमूनों में एच5एन1 वायरस मौजूद है.

जनता के लिए चिड़ियाघर बंद

बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद चिड़ियाघर प्रशासन ने सुरक्षा को देखते हुए परिसर को अस्थायी रूप से जनता के लिए बंद कर दिया है. अधिकारियों का कहना है कि संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है.