राजधानी दिल्ली में बाढ़ का खतरा एक बार फिर गहराने लगा है. लगातार हो रही बारिश और हथनीकुंड से छोड़े जा रहे पानी की वजह से यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है.
गुरुवार सुबह 10 बजे यमुना का जलस्तर 205.44 मीटर दर्ज किया गया, जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर है. यह स्थिति प्रशासन के लिए चिंता का कारण बन गई है, यही वजह है कि यमुना के निचले इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है.
अगले 2-3 दिनों में यमुना का जलस्तर और भी बढ़ सकता है
अधिकारियों का कहना है कि हालात को देखते हुए अगले दो-तीन दिनों में यमुना का जलस्तर और भी बढ़ सकता है. बाढ़ नियंत्रण विभाग के मुताबिक, हरियाणा के हथनीकुंड बैराज से हर घंटे करीब 41 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है.
वहीं, दिल्ली में वजीराबाद बैराज से 56 हजार क्यूसेक और ओखला बैराज से 46 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. इस वजह से यमुना किनारे बसे निचले इलाकों में पानी भरने का खतरा बढ़ गया है.
बोट क्लब में 40 नावें और गोताखोरों की टीमें तैनात
यमुना बाजार, आईटीओ, कश्मीरी गेट और पल्ला क्षेत्र जैसे निचले इलाकों में पहले से ही चेतावनी जारी कर दी गई है. प्रशासन ने इन जगहों पर राहत सामग्री और टेंट पहुंचा दिए हैं. लोगों से अपील की गई है कि वे नदी किनारे न जाएं और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत बाढ़ नियंत्रण कक्ष से संपर्क करें.
प्रीत विहार के एसडीएम और नोडल अधिकारी संदीप यादव ने बताया कि अगर यमुना का जलस्तर 206 मीटर तक पहुंचता है, तो राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए जाएंगे. दिल्ली बोट क्लब में 40 नावें और गोताखोरों की टीमें तैनात की गई हैं. इसके साथ ही दिल्ली पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, राजस्व और बाढ़ नियंत्रण विभाग पूरी तरह अलर्ट पर हैं.
2023 में यमुना का जलस्तर खतरनाक स्तर के पार पहुंच गया था
2023 में भी यमुना का जलस्तर खतरनाक स्तर के पार पहुंच गया था. तब दिल्ली के कई इलाके जलमग्न हो गए थे, सड़कें डूब गई थीं और यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ था. हजारों लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी थी. उस अनुभव से सीख लेते हुए इस बार प्रशासन ने पहले ही इंतजाम कर लिए हैं.
मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में उत्तर भारत और पहाड़ी राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. अगर बारिश तेज हुई, तो यमुना का जलस्तर और बढ़ सकता है. हालांकि अधिकारियों को उम्मीद है कि अगले हफ्ते में जलस्तर धीरे-धीरे स्थिर हो जाएगा.
जनता से सतर्क रहने की अपील की गई है
प्रशासन ने लोगों को साफ निर्देश दिए हैं कि वे निचले इलाकों या नदी किनारे न जाएं, बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षित जगह पर रखें और केवल प्रशासन की जानकारी पर ही भरोसा करें. अफवाहों से बचने की सलाह दी गई है.
राजधानी में आने वाले 48 घंटे बेहद अहम माने जा रहे हैं. अगर जलस्तर में और बढ़ोतरी हुई, तो स्थिति गंभीर हो सकती है. फिलहाल प्रशासन सतर्क है और जनता से भी सतर्क रहने की अपील की गई है.