दिल्ली में यमुना नदी में एक बार फिर से एक मासूम समा गया. उत्तरी दिल्ली के वजीराबाद थाना इलाके के जगतपुर स्थित शनि श्याम घाट पर 11 साल का बच्चा नदी की तेज धारा में बह गया. परिवार की आंखों के सामने हुआ ये हादसा पूरे इलाके को गमगीन कर गया है. सवाल ये उठ रहा है कि क्या ये मौत अंधविश्वास का नतीजा थी या फिर तैराकी के शौक ने बच्चे की जान ले ली.
उत्तरी दिल्ली के जगतपुर स्थित शनि श्याम घाट पर उस वक्त चीख-पुकार मच गई, जब 11 साल का मासूम स्पर्श अपने पिता के साथ नहाने उतरा और देखते ही देखते यमुना की तेज धाराओं में बह गया. पिता ने भरसक कोशिश की, लेकिन लहरों की ताकत इतनी ज्यादा थी कि मासूम को बचाया नहीं जा सका.
हादसे की खबर मिलते ही वजीराबाद थाना पुलिस, एनडीआरएफ और बोट क्लब के गोताखोरों की टीम मौके पर पहुंची. बच्चे की तलाश के लिए घंटों तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला, लेकिन 24 घंटे बाद भी बच्चे का कोई सुराग नहीं लग पाया. नदी किनारे बैठा परिवार अब भी बेटे की एक झलक पाने की उम्मीद लगाए हुए है."
'बेटे का हाथ पिता से छूट गया और बेटा यमुना में बह गया'
हादसे के बाद सदमे में आया पिता अपने बेटे को बार-बार बचाने के लिए यमुना नदी में छलांग लगा रहा था और उसे ढूंढ कर बाहर निकालने की कोशिश कर रहा था. NDRF की टीम ने उसे पकड़र यमुना से बाहर किया और समझने की कोशिश की. वहीं इस घटना के बाद में यमुना में डूबे हुए 11 वर्षीय स्पर्श के पीड़ित परिजन चाचा ताऊ का कहना है बच्चा मानसिक रूप से बीमार था.
किसी तांत्रिक ने बोला था कि तीन महीने तक यमुना में नहलाओ, ठीक हो जाएगा. यमुना नदी में नहाने के लिए किसी तांत्रिक ने उनके माता-पिता को सलाह दी थी और उसी के कहने पर वह यमुना नदी में पिछले दो महीने से लगातार अपने बेटे को लाकर नहा रहे थे . वही कल नहलाते समय बेटे का हाथ पिता से छूट गया और बेटा यमुना में बह गया.
'कुछ पता नहीं चल पाया 11 वर्ष के स्पर्श का'
हालांकि पीड़ित मां ने इस दावे को खारिज किया है. उनका कहना है कि स्पर्श को तैराकी का शौक था और पिता उसे नदी में तैरना सिखा रहे थे. दुर्भाग्य से ये शौक उसके लिए जानलेवा साबित हुआ. किसी तांत्रिक का कोई मामला नहीं था. मेरा बेटा तैरना सीख रहा था. बस नदी की तेज मजधार थी और वो बह गया. इसके बाद वजीराबाद थाना पुलिस को सूचना दी पुलिस मौके पर पहुंची और 24 घंटे बीतने के बाद भी लगातार NDRF व बोट क्लब की टीम द्वारा लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. यमुना में डूबे हुए 11 वर्ष के स्पर्श का कुछ पता नहीं चल पाया.
फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या मासूम अंधविश्वास की भेंट चढ़ा या फिर तैराकी का शौक उसकी जान ले गया? सच चाहे जो भी हो, लेकिन हकीकत यही है कि यमुना की लहरों ने एक परिवार से उसका नन्हा चिराग छीन लिया. बार-बार लोगों को यमुना नदी न जाने की सलाह दी जा रही है लेकिन यमुना नदी उफान पर होने के बाद भी लोग यमुना में नहा रहे हैं जिसकी वजह से कहीं ना कहीं लापरवाही यमुना संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों की दिखाई दे रही है.