दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर 204.5 मीटर के उपर बना हुआ है. लगातार पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश और हथनीकुंड, वजीराबाद और ओखला बैराज से छोड़े जा रहे पानी ने नदी के प्रवाह को तेज कर दिया है.
इससे एक बार फिर से राजधानी में बाढ़ की आशंका गहरा गई है, जिसे देखते हुए प्रशासन ने सभी संबंधित एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा है और बचाव संबंधित एहतिहाती कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.
खतरे के निशान के करीब पहुंची यमुना
जानकारी के अनुसार, यमुना का पानी कल शाम 205.33 मीटर के पार पहुंच गया था. लेकिन आज सुबह इसमें कुछ गिरावट देखने को मिला और यह खतरे के निशान के नीचे 204.67 मीटर पर बहती नजर आयी. पुराने लोहे के पुल के पास पानी का बहाव सामान्य से काफी ऊपर है, जो कई निचले इलाकों के लिए खतरे की घंटी है.
जलस्तर में इस वृद्धि से दिल्ली में बाढ़ का खतरा बना हुआ है, जिसे देखते हुए बाढ़ नियंत्रण विभाग ने भी सतर्कता बढ़ा दी है. इसके बाद आज सुबह 5 बजे के करीब हथिनी कुंड बैराज से 74939 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो अगले 20 से 40 घंटों में दिल्ली तक पहुंच सकता है. जिससे स्थिति और भी गंभीर हो सकती है.
हथनीकुंड और वजीराबाद बैराज से भारी मात्रा में छोड़ा गया पानी
यमुना में पानी बढ़ने की सबसे बड़ी वजह हथनीकुंड, वजीराबाद और ओखला बैराज से लगातार पानी का छोड़ा जाना है. पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण बैराज से हर घंटे हजारों क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा जा रहा है. सुबह 8 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार, हथिनीकुंड बैराज से पानी का डिस्चार्ज 51,502 क्यूसेक रहा.
जबकि वजीराबाद और ओखला बैराज से क्रमशः 34,120 क्यूसेक और 42,006 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार, अगले 40 घंटो में यह पानी दिल्ली तक पहुंच जाएगा जिससे दिल्ली का जलस्तर और भी बढ़ सकता है.
प्रशासन अलर्ट, जनता से अपील
इसके बाद यमुना का चेतावनी का स्तर 204.50 मीटर है, जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर है. जलस्तर के 206 मीटर पहुंचते ही प्रशासन निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित जगहों पर स्थानांतरित करना शुरू कर देता है. प्रशासन ने बचाव दल एवं अन्य संबंधित एजेंसियां को स्टैंड-बाय मोड़ पर रखा है ताकि आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके.
दिल्लीवासियों से अपील की जा रही है, कि वे यमुना किनारे न जाएं और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें. पिछले साल यमुना के जलस्तर ने 208.66 मीटर का रिकॉर्ड तोड़ा था, जिससे राजधानी के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे.