अक्टूबर का महीना शुरू होते ही देश की राजधानी दिल्ली के मौसम ने करवट ले ली है. सितंबर में ही मानसून के विदा होने के बाद अब एक बार फिर दिल्ली और उससे सटे कुछ इलाकों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश देखने को मिली. 

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2 अक्टूबर यानी दशहरे के दिन भी कहीं हल्की तो कहीं भारी बारिश हुई, जिसका कारण पश्चिमी विक्षोभ बताया जा रहा है. मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक और बारिश व गरज-चमक का अलर्ट जारी किया है.

दशहरे पर बारिश से सरप्राइज

सुबह से ही बादल सूरज संग आंख-मिचौली खेलते रहे और दोपहर के बाद बारिश शुरू हुई जो शाम तक रुक-रुककर जारी रही. सफदरजंग में 14 मिमी और पीतमपुरा में 20 मिमी बारिश दर्ज की गई. पहले ग्रीन अलर्ट जारी किया गया था, लेकिन बारिश तेज होते ही मौसम विभाग ने इसे येलो अलर्ट में बदल दिया.

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अक्टूबर में क्यों बरस रहे बादल?

यह बारिश मानसूनी नहीं बल्कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण हो रही है, जो भूमध्यसागर (Mediterranean Sea) क्षेत्र से उठकर उत्तर भारत तक पहुंच रहा है. यही सिस्टम अक्टूबर और सर्दियों के महीनों में बादल, गरज और बारिश लाता है. 3 अक्टूबर तक इसका असर बने रहने की संभावना है. इस दौरान आसमान बादलों से घिरा रहेगा और हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. 

4 अक्टूबर को मौसम सूखा रहने की उम्मीद है, लेकिन 5 अक्टूबर से 7 अक्टूबर तक फिर बारिश लौट सकती है. 6 अक्टूबर के लिए येलो अलर्ट जारी हो चुका है, जिसमें तेज हवाएं और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की गई है.

हवा और प्रदूषण पर असर

2 अक्टूबर को दिल्ली का अधिकतम तापमान 35.7 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 25.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. आर्द्रता 93 से 61 प्रतिशत के बीच रही. बारिश ने जहां त्योहार की रौनक को थोड़ा प्रभावित किया, वहीं प्रदूषण से राहत भी दी. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने शहर का एक्यूआई 123 दर्ज किया, जो ‘मॉडरेट’ श्रेणी में है. फिलहाल साफ हवा का यह दौर कुछ दिन और जारी रह सकता है. दिल्ली वालों के लिए सलाह है कि वे छाता साथ रखें और आईएमडी की एडवाइजरी देखकर ही बाहर निकलें.