दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दावा किया है कि इस बार राजधानी को जलभराव की गंभीर समस्या का सामना नहीं करना पड़ा. इस अगस्त महीने में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज होने के बावजूद, ज्यादातर जगहों पर पानी आधे से एक घंटे के भीतर निकल गया और स्थिति सामान्य हो गई. उन्होंने कहा कि, यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि संबंधित विभाग समय रहते अलर्ट मोड में आ गए थे.

सुपर ब्लैक स्पॉट्स पर भी नहीं दिखा जलभराव- रेखा गुप्ता

मुख्यमंत्री ने बताया कि राजधानी के मिंटो रोड ब्रिज, आईटीओ चौक, जखीरा अंडरपास और आनंद विहार जैसे इलाकों को जलभराव के सुपर ब्लैक स्पॉट माना जाता था, लेकिन इस बार इन जगहों पर गंभीर समस्या सामने नहीं आई. तब भी लगातार दो दिन तक हुई बारिश के बावजूद दिल्ली का माहौल सामान्य बना रहा.

'अगस्त में औसत से ज्यादा हुई बारिश'

भारतीय मौसम विभाग के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि अब तक अगस्त में 254.8 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि सामान्य औसत 233.1 मिमी है. संभावना है कि यह आंकड़ा रिकॉर्ड भी बना सकता है. उन्होंने बताया कि नगर निगम, एनडीएमसी, दिल्ली कैंट और अन्य एजेंसियों ने पहले से ही तैयारी कर रखी थी, जिससे स्थिति नियंत्रण में रही.

मंत्रियों और अधिकारियों की लगातार निगरानी

मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने खुद उन इलाकों का दौरा किया, जहां हर साल बारिश के दौरान जलभराव की समस्या होती थी. साथ ही सरकार के मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी भी लगातार निगरानी करते रहे. यही वजह रही कि भारी बारिश के बावजूद पानी आधे से एक घंटे के भीतर निकल गया.

सरकार का दावा है कि नालों की गहरी सफाई और अतिरिक्त पंपों की तैनाती ने बड़ा फर्क डाला. जलभराव वाले इलाकों में पहले से ही स्टाफ तैनात किया गया था, जिससे पानी तेजी से निकल सका. यही वजह रही कि इस बार राजधानी में जलभराव की शिकायतें काफी हद तक कम हो गईं.

ट्रैफिक पुलिस की मेहनत से सामान्य रहा यातायात- रेखा गुप्ता

उन्होंने बताया कि शनिवार को दिल्ली के कई हिस्सों में 40-65 मिमी और रविवार को लगभग 25 मिमी बारिश दर्ज की गई. इसके बावजूद यातायात व्यवस्था सामान्य रही. उन्होंने कहा कि ट्रैफिक पुलिस ने भी बारिश के दौरान सड़क यातायात को सुचारु बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई.

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि सरकार अब पूरी दिल्ली के सीवर सिस्टम का ब्लू प्रिंट तैयार कर रही है. इस पर काम शुरू हो चुका है और लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में राजधानी को जलभराव की समस्या से स्थायी छुटकारा दिलाया जा सके.