Water Shortage in Delhi: दिल्ली (Delhi) में इस साल गर्मी के सीजन की शुरुआत होते ही पानी की कमी की समस्याएं सामने आने लगी थीं. भीषण गर्मी में पानी की कमी ने हाल और बेहाल कर दिया है. गर्मी के बढ़ने के साथ-साथ पानी की मांग भी बढ़ रही है. इस बीच दिल्ली की केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) कई बार हरियाणा सरकार (Haryana Government) से पानी छोड़ने का अनुरोध भी कर चुकी है. दिल्ली में पानी की कमी के कई कारण हैं. आइये जानते हैं उन वजहों को, जिसकी वजह से दिल्ली के लोगों को पानी की कमी की समस्या का सामना करना पड़ा रहा है.



  • दिल्ली में इस बार भीषण गर्मी पड़ रही है और तापमान हाई हो रखा है. इसकी वजह से कई दिन 'लू' चली है. ऐसे में गर्मी के प्रकोप से बचने के लिए पानी का ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है, जिसकी वजह से डिमांड बढ़ गई है. इसके अलावा पानी के स्टोरेज से भांप बनकर उड़ने की वजह से भी पानी कम हो रहा है

  • रिपोर्ट के मुताबिक वजीराबाद तालाब का जलस्तर घटा है. इस तालाब का सामान्य जलस्तर 674.5 फीट है, लेकिन फिलहाल 667 फीट ही है. यानी जलस्तर में लगभग 7.5 फीट की कमी आई है.

  • इसके अलावा यह भी बताया जा रहा है कि दिल्ली में दूसरे राज्यों से जो पानी आ रहा है, उसमें गंदगी है, जिससे प्रोडक्शन पर असर पड़ा है.


जानिए कहां-कहां से दिल्ली को मिलता है पानी


दिल्ली को यमुना (वजीराबाद तलाब) से 234 एमजीडी, गंगा (अपर गंगा कनाल) से 254 एमजीडी, ब्यास नदी (दिल्ली सब ब्रांच और कैरियर लाइंड कनाल मुनक नहर) से 373 एमजीडी, ट्यूबवेल और रेनी वेल से 137 एमजीडी सहित 998 एमजीडी कच्चा पानी मिलता है. ट्रीटमेंट के बाद पानी की सप्लाई 900 एमजीडी होती है, जबकि गर्मी के दिनों में पानी की डिमांड 1300 से1400 एमजीडी तक पहुंच जाती है. यही नहीं ड्राफ्ट मास्टर प्लान 2041 के अनुसार कहा जा रहा है कि 2041 में पानी की डिमांड 1455 एमजीडी होगी.


हर दिन 10,141 जगहों पर जाता है टैंकरों से पानी


आपको बता दें कि डीजेबी ने दिल्ली में कुल 4,792 ट्यूबवैल लगाए हैं. इसके अलावा जहां पाइपलाइन नहीं है, वहां के लिए 1,198 टैंकर हैं. हर दिन 10,141 जगहों पर टैंकरों से पानी जाता है. यहां ध्यान देने वाली बात यह भी है कि सामान्य जलस्तर यमुना की समुद्रतल से उंचाई पर होती है. वजीराबाद तलाब में जब 674.5 फीट जलस्तर बनाया जाता है तो यमुना में करीब आठ फीट पानी होता है. ऐसे में अब यमुना में गहराई करीब 6 इंच की रह गई है.


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