Delhi Water Shortage: दिल्ली (Delhi) में मानसून (Monsoon) के पहुंचते ही जलजमाव की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. गुरुवार को हुई बारिश के बाद कई जगहों पर जलजमाव से ट्रैफिक भी जाम हो गया. हालांकि, बारिश के बाद पिछले कुछ दिनों से पीने के पानी के लिए परेशानी झेल रहे लोगों को राहत मिलेगी. दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Jal Board) के उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) का कहना है कि यमुना, दिल्ली उप-शाखा और हरियाणा के मुनक से पानी खींचने वाले कैरियर लाइनेड चैनल में जलस्तर अगले कुछ दिनों में बढ़ जाएगा और ट्रीटमेंट प्लांट पूरी क्षमता से चलेंगे.


सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पिछले दो दिनों में भारी बारिश और दूसरे उत्तरी राज्यों में भी हुई बारिश के कारण यमुना का स्तर अब बढ़ना शुरू हो जाएगा. उन्होंने कहा कि शुक्रवार शाम से वजीराबाद का स्तर, जो अभी लगभग छह इंच है, ऊपर जाने लगेगा. गौरतलब है कि भीषण गर्मी की वजह से दिल्ली में कई जगहों पर पीने के पानी की भारी कमी हो गई थी. इस महीने की शुरुआत में नौ ट्रीटमेंट प्लांट में से सात में जल उत्पादन प्रभावित हुआ था.


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दिल्ली में हर 1,200 मिलियन गैलन पानी की मांग


चंद्रावल और वजीराबाद डब्ल्यूटीपी आधी क्षमता पर चल रहे थे. डीएसबी और सीएलसी में कच्चे पानी की कमी से हैदरपुर फेज- I, फेज- II, बवाना, नांगलोई और द्वारका प्लांट में ट्रीटमेंट प्रभावित हुआ. सिर्फ सोनिया विहार और उत्तर प्रदेश से पानी खींचने वाली भागीरथी ही पूरी क्षमता से चल रही थी. दिल्ली में पानी की मांग लगभग 1,200 मिलियन गैलन हर दिन है, जबकि आपूर्ति 1,000 एमजीडी से थोड़ी कम है. इस दौरान दिल्ली ने हरियाणा से 150 एमजीडी अतिरिक्त पानी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था, लेकिन ठुकरा दिया गया था.


'ज्यादा पानी के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर करनी पड़ सकती है याचिका'


सौरभ भारद्वाज के अनुसार यमुना और दो नहरों में कम जल स्तर के कारण जून के महीने में 115 एमजीडी तक की कमी हुई. सौरभ भारद्वाज ने कहा, "हमें यमुना के पानी में अधिक हिस्सेदारी के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करना पड़ सकती है, जो 1994 से रुका हुआ है." भारद्वाज ने कहा कि अब समय आ गया है कि दिल्ली की बढ़ती आबादी की मांग को पूरा करने के लिए अपने हिस्से के पानी के लिए लड़े, जबकि मौजूदा संकट अब लगभग खत्म हो गया है, क्योंकि तापमान में गिरावट के कारण पानी की मांग में 2 से 3 प्रतिशत की गिरावट आई है. यमुना और दो नहरों में अधिक पानी अतिरिक्त उत्पादन में मदद करेगा. इस बीच दिल्ली सरकार ने शहर में उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए ग्राउंड वाटर रिचार्ज परियोजना शुरू की है.


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