Delhi Pollution Control Certificate: दिल्ली में वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट सभी वाहनों के लिए अनिवार्य कर दिया है. साथ ही पीयूसी सर्टिफिकेट का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ दिल्ली ट्रैफिक पुलिस का अभियान भी जारी है. पीयूसी को लेकर जारी इस अभियान के दौरान महज सौ-दो सौ रुपये के लिए ट्रैफि पुलिस भारी-भरकम चालान किया जा रहा है. हैरानी की बात यह है कि पीयूसी सर्टिफिकेट की सघन जांच और भारी जुर्माने के बावजूद कई वाहन चालक इसकी अनदेखी कर रहे हैं.


रविवार को ट्रैफिक पुलिस द्वारा जारी किए गए एक आंकड़े के मुताबिक इस साल 1 जनवरी से 30 अप्रैल के बीच बिना पीयूसी सर्टिफिकेट के वाहन चलाने के आरोप में 101164 से चालान अब तक काटे जा चुके हैं. हर घंटे ऐसे 35 वाहन चालकों को पकड़ा जा रहा है, जो इस आवश्यक नियम का उल्लंघन कर वाहन चला रहे हैं. 


करोल बाग एरिया में सबसे ज्यादा चालान


इस नियम के उल्लंघन के मामले में करोल बाग ट्रैफिक सर्कल अव्वल नंबर पर है, जहां पीयूसी सर्टिफिकेट की उपलब्धता का सबसे ज्यादा उल्लंघन दर्ज किया गया है. इसके बाद भजनपुरा, अशोक विहार, नजफगढ़ और द्वारका सर्कल में साल के पहले चार महीनों में क्रमशः 3852, 3703, 3587 और 3488 उल्लंघन के मामले दर्ज किए गए हैं. इस मामले में तिलक नगर सबसे निचले पायदान पर है, जहां सबसे कम 2794 वाहन चालकों पर फाइन लगाया गया है.


यातायात पुलिस अधिकारियों ने कहा कि अधिकतम उल्लंघनों के "हॉट स्पॉट" की पहचान करने के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट उल्लंघनों का व्यापक विश्लेषण किया गया था. उन्होंने कहा कि सभी 50 ट्रैफिक सर्किलों से एकत्र किए गए डेटा को 10 ऐसे स्थानों की पहचान करने के लिए खनन किया गया था.


सख्ती की पीछे का मकसद 


ट्रैफिक जोन-2 के स्पेशल सीपी एचजीएस धालीवाल ने कहा कि, “पीयूसी उल्लंघन को लेकर सघन जांच में उन क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है, जहां इस तरह के यातायात उल्लंघन सबसे अधिक बार होते हैं. इन क्षेत्रों की पहचान कर यातायात नियमों के पालन को बढ़ावा देने के लिए लक्षित प्रवर्तन उपाय लागू किए जा सकते हैं. पीयूसी सर्टिफिकेट नियमों की सख्ती से निगरानी और कार्यान्वयन करके, हमारा लक्ष्य मोटर चालकों के बीच उत्सर्जन मानकों के अनुपालन की संस्कृति विकसित करना है."


 30 प्रतिशत अधिक हुआ फाइन


आंकड़ों के मुताबिक साल के पहले चार महीनों में पीयूसी नियमों के उल्लंघन के लिए किए गए फाइन में 30% की वृद्धि हुई है. जबकि 2023 में इसी अवधि के लिए 78169 फाइन किया गया था, जो प्रति घंटे 27 टिकटों के बराबर है. 


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