नई दिल्ली के शंकर रोड और मंदिर मार्ग (तालकटोरा स्टेडियम के पास) के प्रमुख जंक्शन पर जल्द ही 27 मीटर ऊंचा अष्टकोणीय घंटाघर खड़ा होगा. मंगलवार को दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इस प्रतिष्ठित परियोजना का शिलान्यास किया.
इस मौके पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, केंद्रीय मंत्री प्रवेश वर्मा, सांसद बांसुरी स्वराज, एनडीएमसी अध्यक्ष केशव चंद्रा, उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे. इस अवसर पर उपराज्यपाल ने कहा कि, NDMC और दिल्ली शहरी कला आयोग (DUAC) से अनुमोदित यह प्रोजेक्ट राष्ट्रीय राजधानी का एक कालातीत प्रतीक बनेगा.
हिंदू, मुगल और औपनिवेशिक वास्तुकला का अद्भुत संगम
विनय कुमार सक्सेना ने कहा 1.80 करोड़ रुपये की लागत और छह महीने की समयसीमा में तैयार होने वाला यह घंटाघर हिंदू, मुगल और औपनिवेशिक वास्तुकला का अद्भुत मिश्रण होगा.
उन्होंने कहा, मंदिर मार्ग और शंकर रोड के इस अहम चौराहे पर स्थित यह संरचना NDMC क्षेत्र का प्रवेश से होगी और आने-जाने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगी.सक्सेना ने कहा कि, परंपरागत रूप से घंटाघर शहर के प्रमुख स्थलों पर बनाए जाते थे, जो न केवल समय बताने का साधन थे, बल्कि ऐतिहासिक महत्व भी रखते थे.
दिल्ली की प्रगति का गौरवशाली प्रतीक: रेखा गुप्ता
विनय कुमार सक्सेना का मानना है कि, यह नया घंटाघर दिल्ली के पर्यटन मानचित्र पर एक प्रमुख पहचान बनेगा और लुटियंस दिल्ली की स्काईलाइन में विशिष्ट आभा जोड़ेगा. इस दौरान उन्होंने यह भी जानकारी दी कि लाल किले के पीछे सद्भावना पार्क में एक और घंटाघर का निर्माण DDA से किया जा रहा है, जो इस महीने के अंत तक पूरा हो सकता है.
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, यह घंटाघर न केवल नई दिल्ली के क्षितिज की शोभा बढ़ाएगी बल्कि, हमारे राष्ट्र की भावना और पहचान का भी प्रतीक होगी. इसकी अनूठी डिजाइन और भव्यता विकसित भारत की यात्रा का एक शाश्वत साक्षी बनेगी और दिल्ली की प्रगति को प्रतिबिंबित करेगी.
घंटाघर की विशेषताएं
• मजबूत संरचना: घंटाघर का ढांचा प्रबलित कंक्रीट (RCC) से बनाया जाएगा, जो तेज हवाओं और भूकंपीय झटकों का सामना करने में सक्षम होगा. यह एक मजबूत RCC राफ्ट नींव पर खड़ा होगा, जो स्थिरता और दीर्घायु सुनिश्चित करेगा.
• शानदार बाहरी सज्जा: इसका अग्रभाग तार-कट ईंटों की क्लैडिंग से सजाया जाएगा, जिसमें बारीक जोड़ों की खास देखभाल की जाएगी. पेडस्टल को झागदार काले ग्रेनाइट से अलंकृत किया जाएगा, जिससे इसे शाही और टिकाऊ रूप मिलेगा.
• सुरक्षित और आसान रखरखाव: आंतरिक भाग में एंटी-स्किड फिनिश वाली स्टेनलेस स्टील सीढ़ियाँ होंगी, जो रखरखाव को आसान बनाएँगी और सुरक्षा भी सुनिश्चित करेंगी.
• आधुनिक और टिकाऊ घड़ी: घंटाघर के शीर्ष पर अत्याधुनिक, मौसम-रोधी घड़ी लगाई जाएगी. इसमें कंपन-रोधी तकनीक का उपयोग होगा, जिससे यह लंबे समय तक सटीक और सुचारू रूप से काम करेगी.
• कलात्मक नक्काशी: बाहरी हिस्से पर 150 मिमी मोटी कस्टम पत्थर की नक्काशी की जाएगी. इन पत्थरों को वास्तुशिल्पीय पूर्णता के लिए तराशा और पॉलिश किया जाएगा, जिससे इसका लुक और भव्य हो जाएगा.
• उन्नत प्रकाश व्यवस्था: रात के समय इसकी सुंदरता बढ़ाने और घड़ी को स्पष्ट दिखाने के लिए विशेष विद्युत और प्रकाश व्यवस्था की जाएगी. जो रात में इसे आकर्षण बनाये रखने के साथ सौंदर्य और कार्यक्षमता दोनों सुनिश्चित करेगी.
• कम रखरखाव, उच्च गुणवत्ता: घंटाघर के निर्माण में उच्च गुणवत्ता और कम रखरखाव वाली सामग्री का प्रयोग होगा. ताकि यह लंबे समय तक टिकाऊ और आकर्षक बना रहे.
यह परियोजना सिर्फ एक स्थापत्य संरचना नहीं, बल्कि दिल्ली के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक वैभव में नया अध्याय है. इसके तैयार होने के बाद यह स्थान न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा.