GRAP-4 in Delhi: राजधानी दिल्ली में मंगलवार (18 नवंबर) की सुबह लोग एक बार फिर घने स्मॉग की चादर में लिपटी हवा के बीच जागे. कई दिनों से लगातार ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हवा ने अब हालत और भी बिगाड़ दी है. सुबह 6:05 बजे दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 461 दर्ज किया गया, जो बेहद खतरनाक स्तर माना जाता है. पिछले एक महीने से दिल्ली की हवा जहरीली बनी हुई है और कृत्रिम बारिश कराने की कोशिशें भी अब तक किसी काम की साबित नहीं हुई हैं.
कई इलाकों में AQI 600 पार, हालत गंभीर
दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में प्रदूषण का स्तर डराने वाला रहा. 17 नवंबर की सुबह दिल्ली का AQI 477 था, जो शाम होते-होते 548 पहुंच गया. अलीपुर, आनंद लोक, ग्रेटर कैलाश जैसे इलाके 580 से ऊपर रहे. वहीं पीजीडीएवी कॉलेज क्षेत्र में AQI 701 तक पहुंच गया, जो ‘सीवियर प्लस’ श्रेणी है और स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है. आनंद विहार और शाहदरा में भी AQI 608 दर्ज किया गया.
ये आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली की हवा न सिर्फ खराब है, बल्कि सीधे तौर पर लोगों की सेहत को नुकसान पहुंचा रही है.
दिल्ली में GRAP-4 लागू
स्थिति को देखते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने GRAP का चौथा चरण यानी GRAP-4 लागू कर दिया है. यह प्रदूषण नियंत्रण का सबसे सख्त स्तर है.
GRAP-4 लगते ही कई पाबंदियां लागू हो चुकी हैं. सभी तरह के निर्माण और विध्वंस कार्यों पर रोक रहेगी. दिल्ली में ट्रकों की एंट्री लगभग बंद रहेगी. डीजल के भारी वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध रहेगा. बड़े उद्योगों और प्लांट्स पर कड़ी निगरानी. सड़कों की मशीनों से सफाई और पानी का छिड़काव बढ़ाया जाएगा.
इन सख्त कदमों का मकसद हवा में फैले धुएं को जल्दी कम करना है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक हवा की रफ्तार नहीं बढ़ती, राहत मिलना मुश्किल है.
मौसम भी बढ़ा रहा परेशानी
दिल्ली में आज न्यूनतम तापमान 9 डिग्री और अधिकतम 25 डिग्री दर्ज किया गया. ठंड के साथ ही हवा की गति कम हो गई है, जिसके कारण प्रदूषण जमीन के पास ही अटक जा रहा है और फैल नहीं पाता.
ऐसे में स्मॉग की परत और भी भारी होती जा रही है. मौसम विभाग ने साफ कहा है कि फिलहाल हवा की रफ्तार कम रहने वाले दिनों में प्रदूषण का स्तर थोड़ा और बढ़ सकता है.
जहरीली हवा से लोगों में आँखों में जलन, खांसी, सांस लेने में दिक्कत और गले में खराश जैसे लक्षण बढ़ रहे हैं. डॉक्टरों ने बच्चों, बुजुर्गों और सांस से जुड़ी बीमारियों वाले लोगों को बाहर कम निकलने की सलाह दी है.