Safdarjung Hospital New Facility : इलाज और सर्जरी (Surgery) के दौरान मरीजों और उनके परिजनों से पैसे वसूलने वाले डॉक्टरों (Doctors) और बिचौलियों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से सफदरजंग हॉस्पिटल (Safdarjung Hospital) प्रशासन ने कुछ ठोस कदम उठाए हैं. ताकि इलाज कराने पहुंचें मरीजों और उनके परिजनों का आर्थिक शोषण न हो सके.


कई बार ऐसा देखा गया है कि मरीजों के इलाज में लगने वाले सर्जिकल इम्प्लांट (Surgical Implant) को डॉक्टर बाहर से किसी खास दुकान से खरीद कर लाने के लिए कहते हैं, जिसके लिए उन्हें काफी पैसे खर्च करने पड़ते हैं. इसे देखते हुए सफदरजंग हॉस्पिटल प्रशासन ने हॉस्पिटल में ही सर्जिकल सामान उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है. मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. बीएल शेरवाल (BL Sherwal) ने कहा कि मरीजों की सर्जरी के लिए आवश्यक इंप्लांट अस्पताल द्वारा उपलब्ध कराए जाएंगे.


हॉस्पिटल प्रशासन करेगा मरीजों की मदद
दरअसल अस्पताल के एक न्यूरो सर्जन को भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार करने के बाद डॉ. बीएल शेरवाल ने सभी विभागाध्यक्षों के साथ लंबी बैठक की. इस दौरान मरीजों से पैसों के लेनदेन को रोकने के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की गई. उन्होंने कहा कि अगर कुछ इंप्लॉट इनके वेंडर के पास नहीं हैं तो अस्पताल प्रशासन ही मरीजों को बाहर के किसी दूसरे वेंडर से उचित दाम में दिलाने में मदद करेगा. 


इंप्लांट मंगवाने से पहले देनी होगी जानकारी
दरअसल, कई बार न्यूरो और हड़ियों की सर्जरी में मरीजों के शरीर में लगने वाले इंप्लांट सफदरजंग में आपूर्ति करने के लिए अधिकृत वेंडर से ही नहीं दिलवाकर बाहर से महंगे दामों पर दिलवाए जाते हैं. अब डॉक्टरों को मरीजों से किसी भी इंप्लांट के बाहर से मंगवाने से पहले इसकी जानकारी अस्पताल प्रशासन को देनी होगी. इसके बाद अस्पताल अपने अधिकृत वेंडर की मदद लेगा.


कभी भी जांच कर सकती है समिति
हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने भ्रष्टाचार रोकने के लिए तीन सदस्यीय कमिटी को कई अधिकार दिए हैं. इसके सदस्य बिना रोक-टोक किसी भी समय ऑपरेशन थियेटर, आईसीयू या कहीं भी जाकर जांच कर सकते हैं. किसी भी विभाग में मरीज से पैसे लेते हुए कोई भी पाया गया तो इसकी जिम्मेदारी विभागाध्यक्ष की होगी.


क्या होता है इंप्लांट
इंप्लांट एक ऐसी डिवाइस होती हैं, जो व्यक्ति के शरीर में लगाई जाती हैं. उदाहरण के लिए कूल्हे या घुटने का प्रत्यारोपण करते समय टाइटेनियम की रॉड डाली जाती है. इसे ही इंप्लांट कहते हैं.


शिकायत के लिए हेल्पलाईन नंबर 
ओपीडी और अस्पताल के सभी हिस्सों में पोस्टर लगाए जाएंगे कि यहां मुफ्त इलाज किया जाता है. अगर, कोई व्यक्ति इलाज के लिए पैसे की मांग करे तो सीधे हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत की जा सकती है. सुरक्षाकर्मियों को अनाधिकृत प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने और बिचौलियों को पकड़ने का निर्देश दिया गया है.


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