दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर एक बार फिर तेजी से बढ़ रहा है. उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में हो रही लगातार भारी बारिश की वजह से यमुना नदी में पानी की मात्रा बढ़ गई है. इसका असर दिल्ली में भी दिखाई देने लगा है.

मंगलवार देर रात 12 बजे हरियाणा स्थित हथिनीकुंड बैराज पर यमुना का जलस्तर 70 हजार क्यूसेक दर्ज किया गया. यह इस मानसून सीज़न का अब तक का सबसे ऊंचा बहाव है. 

हथिनीकुंड बैराज में छोड़ा गया पानी

जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए बैराज से करीब 50 हजार क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया है. अनुमान है कि यह पानी अगले 72 घंटों में दिल्ली तक पहुंच जाएगा.

बढ़ते जलस्तर ने बढ़ाई चिंता

वहीं बुधवार (23 जुलाई) सुबह यमुना नदी का जलस्तर 204.1 मीटर के आसपास दर्ज किया गया. फ्लड कंट्रोल विभाग के अनुसार, यमुना में 204.50 मीटर को वार्निंग लेवल और 205.33 मीटर को खतरे का निशान माना जाता है. यानी फिलहाल नदी चेतावनी के स्तर के बिल्कुल पास है.

इरीगेशन और फ्लड कंट्रोल विभाग का निरीक्षण

बढ़ते खतरे को देखते हुए सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारी यमुना के बहाव और खतरे के निशान का निरीक्षण करने पहुंचे. लोहे वाले पुराने पुल (Old Iron Bridge) से ली गई लाइव तस्वीरों में देखा जा सकता है कि यमुना का पानी काफी तेजी से बह रहा है. 

नदी का बहाव इतना तेज है कि वह अपने साथ छोटे पेड़, झाड़ियां और मलबा बहाकर ले जा रहा है. मात्र आधे घंटे में यमुना का जलस्तर बढ़ा हुआ दिखाई दिया, जो खतरे की स्थिति की ओर संकेत कर रहा है.

प्रशासन ने जारी किया अलर्ट

यमुना के किनारे बसे निचले इलाकों जैसे यमुना बाजार, मजनूं का टीला, वज़ीराबाद, गीता कॉलोनी, और बोट क्लब के आसपास रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है. दिल्ली प्रशासन ने बाढ़ संभावित इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है और राहत टीमों को तैयार रहने को कहा गया है.

लोगों से की गई अपील

प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें, नदी के पास न जाएं और किसी भी आपात स्थिति में हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करें. यमुना के जलस्तर पर नजर रखने के लिए 24 घंटे की मॉनिटरिंग जारी है.