Delhi Power Crisis: देशभर में आ रही कोयले की कमी (Coal Crisis) का असर अब राजधानी दिल्ली (Delhi) में भी देखने को मिल रहा है.  दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) ने बताया है कि पूरे देश के अंदर कोयले की भयंकर कमी देखने को मिल रही है. इसका सबसे बड़ा कारण रेलवे के ट्रैक हैं, जो ट्रेन होती है उनकी उपलब्धता कम है और कोयले की कमी भी है. नतीजनत पूरे देश के अंदर जितने भी पावर प्लांट हैं उनके अंदर कोयले की कमी की गंभीर समस्या आ रही है.

 

कोयले की कमी की वजह से दिल्ली में बिजली संकट गहरा सकता है


मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि कोयले की कमी के चलते राजधानी दिल्ली में भी बिजली संकट पैदा हो सकता है. उन्होंने आगाह किया कि दिल्ली में कई पावर प्लांट में केवल 1 दिन से भी कम का कोयला बचा हुआ है. मंत्री ने कहा कि क्योंकि हमारे पास कोई बैकअप नहीं है, और  बिजली को स्टोर नहीं किया जा सकता, बिजली रोजाना बनती है और अगर कोयले से बिजली बनती है तो कोयले का बैकअप होना चाहिए, जो कि साधारण परिस्थिति में 21 दिन से ज्यादा का होना चाहिए, लेकिन दिल्ली के अधिकतर पावर प्लांट में 1 दिन से भी कम का कोयला बचा हुआ है.

 

एनटीपीसी दादरी और एनटीपीसी ऊंचाहार में बचा है एक दिन का कोयला

उन्होंने बताया कि एनटीपीसी दादरी और एनटीपीसी ऊंचाहार में लगभग 1 दिन का कोयला बचा है. उन्होंने केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा कि स्थिति को ठीक किया जाए. दिल्ली के पास पैसे की कमी नहीं है और ना ही दिल्ली का कोई पेंडिंग पेमेंट है, ऐसे में जल्द से जल्द दिल्ली को कोयले की सप्लाई करवाई जाए,  क्योंकि यदि कोयले की कमी के चलते पावर प्लांट बंद होते हैं, तो निश्चित तौर पर बिजली की समस्या को लेकर बड़ी दिक्कत आ सकती है.

 

भीषण गर्मी की वजह से बढ़ गई है बिजली की मांग

बता दें कि राजधानी दिल्ली में दिल्ली सरकार लोगों को 24 घंटे बिजली देने का वादा करती आई है और 200 यूनिट तक लोगों को मुफ्त बिजली दी जा रही है. वही बढ़ते तापमान के चलते भीषण गर्मी में बिजली की मांग ही बढ़ गई है.  बता दें कि गुरुवार को देश भर में 1 दिन में रिकॉर्ड तोड़ बिजली की मांग की गई, 1 दिन में 204.65 गीगावाट बिजली रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई.

 

इसी बीच एनटीपीसी लिमिटेड की ओर से ट्वीट करते हुए जानकारी दी गई कि दादरी की सभी इकाइयों और ऊंचाहार की 5 इकाइयों पूरी क्षमता के साथ चल रही है, और मौजूदा समय में 140000 मीट्रिक टन और 95,000 मीट्रिक टन कोयला पावर प्लांट में बचा हुआ है कोयले की आयात को लेकर बात की जा रही है.

 

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