Delhi News: दिल्ली पुलिस के एक एसीपी के बेटे की गुमशुदगी के मामले में बड़ा खुलासा किया है. दिल्ली पुलिस के मुताबिक कथित तौर पर दो लोगों ने मिलकर एसीपी के बेटे को हरियाणा की एक नहर में फेंक दिया, जिसमें तीस हजारी अदालत में कार्यरत एक वकील का क्लर्क भी शामिल था. वकील का क्लर्क उसके साथ भिवानी में एक शादी में गया था. दिल्ली पुलिस ने नरेला निवासी 19 वर्षीय अभिषेक को गिरफ्तार करने और उससे पूछताछ करने के बाद पूरी घटना का खुलासा किया है. इस मामले में पुलिस ने समयपुर बादली थाने में दर्ज एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) भी जोड़ दी है. पहले सिर्फ अपहरण का मामला दर्ज किया गया था.


दिल्ली पुलिस के अनुसार एसीपी यशपाल चौहान द्वारा दर्ज कराई गई एक गुमशुदगी की शिकायत के आधार पर एक मामला दर्ज किया गया, जिसमें उन्होंने अपने 26 वर्षीय बेटे लक्ष्य के लापता होने की सूचना दी थी. उन्होंने बताया था कि उनका बेटा भिवानी में एक शादी में भाग लेने गया था, जो अभी तक घर नहीं लौटा. 


एसीपी के बेटे को इसलिए फेंका नहर में 


आउटर नॉर्थ डीसीपी रवि कुमार सिंह के मुताबिक अभिषेक को आज गिरफ्तार कर लिया गया और पूछताछ करने पर पता चला कि 22 जनवरी की दोपहर को वकील के क्लर्क विकास ने उससे संपर्क किया था. उसे भिवानी में एक विवाह समारोह में भाग लेने के लिए अपने साथ आने के लिए कहा था. विकास ने अभिषेक को बताया था कि लक्ष्य जो तीस हजारी कोर्ट में प्रैक्टिस भी करता है, ने उससे कर्ज लिया था और जब उसने अपने पैसे वापस मांगे तो लक्ष्य ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया. गुस्‍से में दोनों ने लक्ष्य को खत्म करने की योजना बनाई और उसे हरियाणा के मुनक नाहर में फेंकने का फैसला किया.


डीसीपी ने कहा के अनुसार वे सोमवार दोपहर को मुकरबा चौक से निकले, जहां लक्ष्य उन्हें एक कार में मिला. अभिषेक लक्ष्य के साथ कार के अंदर बैठा और बाद में विकास भी उनके साथ शामिल हो गया. देर रात तक वे भिवानी में शादी समारोह में पहुंचे और रात 12 बजे के बाद वहां से चले गए. पानीपत में रुककर तीनों नहर किनारेे शौच के लिए कार से बाहर निकले. मौके का फायदा उठाते हुए अभिषेक और विकास ने कथित तौर पर लक्ष्य को नहर में धकेल दिया और लक्ष्य की कार से घटनास्थल से भाग गए. बाद में विकास ने भागने से पहले अभिषेक को नरेला में छोड़ दिया.


पुलिस FIR में जोड़ी हत्या की धारा


दिल्ली पुलिस ने अब तक एकत्र किए गए सबूतों के आधार पर बाद में एफआईआर में धारा 302 यानी हत्या और धारा 201 साक्ष्यों को गायब करने के मामले को भी केस में दर्ज कर लिया है. लक्ष्य का शव और दूसरे संदिग्ध विकास के ठिकाने का पता लगाने में पुलिस की टीम जुटी है. 


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