स्वतंत्रता दिवस और त्योहारों के मौसम के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने रविवार (10 अगस्त) को 4000 से अधिक निजी सुरक्षाकर्मियों या 'प्रहरियों' के साथ बातचीत आयोजित की. इस बातचीत का उद्देश्य कानून और व्यवस्था बनाए रखना है, जिसमें सुरक्षा गार्डों की भूमिका भी महत्वपूर्ण है. सिक्योरिटी गारड के जरिेये दिल्ली की सुरक्षा को सुदृढ़ करना और उन्हें संभावित खतरों की पहचान करने, उसपर एक्शन लेने और सिक्योरिटी प्रोटोकॉल आदि की जानकारी दी गई.

सिक्योरिटी गार्ड को उनके कर्तव्यों के बारे में दिशा-निर्देश दिए गए और उन्हें टोपी, रिफ्लेक्टिव जैकेट, डंडा और सीटी सहित सुरक्षा किट भी दी गई. पुलिस आयुक्त एसबीके सिंह ने दो प्रमुख कार्यक्रमों में प्रहरियों को संबोधित किया. दिल्ली यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस के मल्टीपर्पज हॉल में, जहां लगभग 800 गार्डों ने भाग लिया. इसके बाद दक्षिण-पूर्व जिले के लोटस टेंपल ऑडिटोरियम में, जहां लगभग 300 गार्डों ने भाग लिया.

सिक्योरिटी गार्ड के सहयोग से बढ़ेगी सुरक्षान्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस आयुक्त ने कहा कि सामुदायिक पुलिसिंग में प्रहरी एक अपरिहार्य कड़ी हैं और उनका सहयोग कानून की पहुंच, जवाबदेही और प्रभावशीलता को बढ़ाता है. बयान में कहा गया है कि विभिन्न जिलों में शनिवार की ब्रीफिंग में शामिल होने वाले निजी सुरक्षा कर्मियों में शामिल थे. दक्षिण पूर्व (300), दक्षिण (305), रोहिणी (300), बाहरी उत्तर (383), उत्तर पश्चिम (215), पश्चिम (230), बाहरी (160), द्वारका (362), शाहदरा (238), पूर्व (253), उत्तर पूर्व (194), दक्षिण पश्चिम (180), नई दिल्ली (97), उत्तर (400) और मध्य (400).

आसपास लगातार नजर रखने के निर्देशबयान में कहा गया है कि इंटरैक्टिव बैठकों के दौरान, गार्डों को सलाह दी गई कि वे जहां आवश्यक हो, विनम्र लेकिन सख्त तलाशी लें, आसपास के वातावरण पर लगातार नजर रखें, संदिग्ध व्यक्तियों या गतिविधियों की सूचना पुलिस को दें, लावारिस वस्तुओं के प्रति सतर्क रहें और समारोहों के दौरान भीड़ प्रबंधन में सहायता करें.

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