दिल्ली के नॉर्थ वेस्ट जिले की भारत नगर पुलिस ने उत्तर प्रदेश से 13 वर्षीय एक नाबालिग बच्ची को सुरक्षित बरामद कर मानव तस्करी के एक गिरोह का पर्दाफाश किया है. इस सिलसिले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. भारत नगर थाने में 21 जुलाई की रात एक महिला ने सूचना दी थी कि उसकी 13 वर्षीय बेटी शाम को ट्यूशन के लिए घर से निकली थी लेकिन वापस नहीं लौटी. इस पर थाना भारत नगर में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई.

नॉर्थ वेस्ट डीसीपी भीष्म सिंह ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएचओ भारत नगर और एसीपी अशोक विहार के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया गया. पीड़िता का विवरण NCRB, SCRB, CBI और मिसिंग पर्सन्स स्क्वॉड को भेजा गया तथा समाचार पत्रों में नोटिस प्रकाशित कराए गए.

बच्ची को किया गया सुरक्षित बरामद

सीसीटीवी फुटेज की जांच में बच्ची को इंदरलोक मेट्रो बस स्टैंड के पास देखा गया.तकनीकी निगरानी और छापेमारी के आधार पर पुलिस को 16 अगस्त को जानकारी मिली कि बच्ची शामली जिले के ग्राम झाल (उत्तर प्रदेश) में है. स्थानीय पुलिस की मदद से छापेमारी कर बच्ची को सुरक्षित बरामद किया गया.

बच्ची को बहला कर ले जाया गया साथी के घर

पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार किए गए आरोपियों में राजीव (40) निवासी ग्राम झाल, शामली; विकास (20) निवासी हापुड़; आशु (55) निवासी मेरठ और रमनजोत सिंह (24) निवासी गाजियाबाद शामिल हैं. जांच में सामने आया कि आरोपी विकास ने मेरठ रेलवे स्टेशन पर बच्ची को बहलाकर अपने साथी आशु के घर ले जाया गया.

पीड़िता का बनवाया गया फर्जी आधार कार्ड 

दोनों ने उसे पैसे के बदले राजीव को सौंपने की साजिश रची. इस उद्देश्य से गाजियाबाद निवासी रमनजोत सिंह की मदद से पीड़िता का फर्जी आधार कार्ड बनवाया गया. पुलिस का कहना है कि राजीव ने 24 जुलाई को बच्ची से जबरन विवाह किया और बाद में उसका यौन शोषण किया.पुलिस ने आरोपियों के पास से चार मोबाइल फोन और फर्जी आधार कार्ड बरामद किए हैं.