दिल्ली में यमुना ने खतरे का निशान पार कर दिया है. सोमवार (18 अगस्त) को दोपहर 3 बजे यमुना का जलस्तर 205.42 m पहुंच गया. इससे पहले सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग की ओर से इसको लेकर एडवाइजरी की गई थी, जिसमें कहा गया था कि यमुना का जलस्तर 206 मीटर को पार कर सकता है.

दिल्ली और आसपास के राज्यों में हुई भारी बारिश के अलावा, हिमाचल और उत्तराखंड के बांधों से छोड़े गए पानी की वजह से भी सोमवार (18 अगस्त) को यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.

यहां दिख रहा सबसे ज्यादा प्रभाव

यमुना नदी के खतरे के निशान से ऊपर बहने से निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. सबसे अधिक प्रभाव यमुना बाजार इलाके के लोहा पुल के पास दिखाई दे रहा है, जहां नदी का पानी तेजी से बढ़ते हुए किनारों से बाहर निकलने लगा है. यमुना बाजार के पास बने एक पुराने मंदिर का दृश्य सबसे अधिक चौंकाने वाला है. नदी का जलस्तर इतना ऊपर पहुंच चुका है कि यह मंदिर अब लगभग डूबने की कगार पर है.

प्रशासन अलर्ट

बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन अलर्ट पर है. नदी किनारे बसे इलाकों में रहने वाले लोगों को सावधानी बरतने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है. यमुना के जलस्तर पर प्रशासन लगातार नजर बनाए हुए है. 

की जा रही निगरानी

सरकार और अधिकारियों का कहना है कि जलस्तर पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर प्रभावित क्षेत्रों में राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिए जाएंगे.

हथिनी कुंड बैराज से छोड़ा गया पानी

दिल्ली से सटे नोएडा में भी यमुना का जल स्तर बढ़ा है. स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट पर है. हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा आ गया है.

कितना के खतरे के निशान का स्तर

बता दें कि राजधानी दिल्ली में यमुना नदी में चेतावनी का स्तर 204.5 मीटर है, खतरे का स्तर 205.3 मीटर है और 206 मीटर पर निकासी शुरू होती है. ऐसी स्थिति में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की कवायद शुरू हो जाती है. यमुना के प्रवाह और बाढ़ के जोखिम को मापने का ओल्ड रेलवे ब्रिज एक महत्वपूर्ण केंद्र है.