दिल्ली के पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र यानी PUC को लेकर पैदा हो रही भ्रम और अव्यवस्था अब खुलकर सामने आने लगी है. ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (पंजी.) के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर ने इस स्थिति पर गहरी चिंता जताते हुए कहा है कि अस्पष्ट नियमों के कारण न सिर्फ ट्रक ऑपरेटर बल्कि आम वाहन मालिक भी परेशान हो रहे हैं.

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राजेंद्र कपूर ने बताया कि हाल ही में वे अपनी निजी कार में पेट्रोल भरवाने एक पेट्रोल पंप पहुंचे थे. उनकी कार वर्ष 2024 में निर्मित है, इसके बावजूद पेट्रोल पंप कर्मी ने ईंधन देने से पहले उनसे PUC प्रमाणपत्र दिखाने की मांग की. कपूर के अनुसार यह स्थिति पूरी तरह चौंकाने वाली थी, क्योंकि दिल्ली सरकार के मंत्री पहले ही सार्वजनिक रूप से स्पष्ट कर चुके हैं कि PUC की जांच अब ANPR यानी ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन सिस्टम के जरिए की जाएगी.

नियमों और जमीनी हकीकत में अंतर

कपूर ने कहा कि सरकार की मंशा व्यवस्था को डिजिटल और सरल बनाने की है. इसके बावजूद पेट्रोल पंपों पर मैन्युअल PUC जांच की जा रही है, जो नियमों की भावना के विपरीत है. ANPR व्यवस्था लागू होने के बाद पेट्रोल पंपों पर PUC मांगना न केवल अनावश्यक है, बल्कि यह नई समस्याओं को भी जन्म दे रहा है.

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ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने संबंधित विभागों से मांग की है कि PUC नियमों को लेकर स्पष्ट और लिखित दिशा-निर्देश तुरंत जारी किए जाएं. पेट्रोल पंप संचालकों और कर्मचारियों को साफ निर्देश दिए जाएं कि ANPR व्यवस्था लागू होने के बाद मैन्युअल PUC जांच न की जाए. साथ ही पूरी प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की संभावनाओं पर सख्त निगरानी रखी जाए. कपूर ने अंत में कहा कि नियमों का उद्देश्य आम नागरिकों और ट्रांसपोर्ट सेक्टर को सुविधा और पारदर्शिता देना होना चाहिए. यदि नियम ही नई परेशानियों का कारण बन जाएं, तो उनकी समीक्षा और स्पष्टता बेहद जरूरी हो जाती है.